दस्तावेजों के मुताबिक ओबीसी कोटा के तहत मुसलमानों के लिए आरक्षण एचडी देवेगौड़ा की जनता दल सरकार ने लागू किया था। वही देवगौड़ा जो अब पीएम मोदी के सबसे बड़े पैरोकार हैं, उनकी पार्टी का भाजपा से गठबंधन है और दोनों मिलकर कर्नाटक में चुनाव लड़ रहे हैं। जबकि खुद मोदी और भाजपा प्रचार कर रहे हैं कि कांग्रेस ने मुस्लिमों को आरक्षण दिया था। जानिए पूरे तथ्यः
करीब 4 दर्जन संगठनों ने बीते 22 अप्रैल को एक बड़ा सम्मेलन आयोजित करने के बाद इस समर्थन की घोषणा की है। इनके समर्थन के बाद प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन अगाड़ी अलग-थलग पड़ती दिख रही है।
राजस्थान में दूसरे चरण का चुनाव बेहद दिलचस्प हो गया है। पहले चरण की 12 सीटों पर हुई वोटिंग के बाद जिस तरह का खबरें आ रही हैं उससे बीजेपी खेमे में घबराहट बढ़ गयी है। कांग्रेस का खाता हर हाल में खुल रहा है। यहां तक कि गठबंधन के उसके तीन साथियों का भी खाता खुलता दिखाई दे रहा है।
लोकसभा चुनावों के बीच भाजपा के तमाम नेता लगातार संविधान बदलने के लिए 400 से अधिक सीटें जीतने की बात कर रहे हैं। संविधान बदलने की रट लगाने से बीजेपी को फायदा होगा या नुक़सान?
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में राजपूतों के अलावा त्यागी और सैनी सहित प्रमुख जातियाँ भी भाजपा के खिलाफ खुलकर अपना असंतोष दिखा रही हैं। पश्चिमी यूपी में जाति समीकरण भाजपा के लिए कैसे परेशानी भरा हो सकता है, जानिए।
दुनिया में तीसरे नंबर की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी पर प्रधानमंत्री जिस तरह से प्रहार कर रहे हैं क्या उसका विपरीत असर उन मतदाताओं पर भी नहीं पड़ रहा होगा जिनकी गिनती मोदी-समर्थकों में होती है?
बिहार की राजनीति के केंद्र में करीब 20 वर्षों से रहने वाले नीतीश कुमार इस लोकसभा चुनाव में चर्चाओं और मीडिया से दूर होते दिख रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या नीतीश कुमार इस लोकसभा चुनाव में मौजूदा राजनीति से अप्रासांगिक होते जा रहे हैं।