सुशांत केस : कैसे शिकारी बन गई थी टीवी मीडिया? गिद्ध बने पत्रकारों का दिखा था घटिया रूप, अभी तक किसी ने माफी भी नहीं मांगी। देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास की रिपोर्ट -
सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या की थी या उनकी हत्या हुई थी, इसकी जाँच में देशी की सबसे बड़ी तीन एजेंसियाँ- सीबीआई, ईडी और एनसीबी लगी रहीं लेकिन अब तक कोई नतीजा नहीं निकला? आख़िर इतना हंगामा क्यों हुआ था?
महाराष्ट्र की राजनीति में पिछले एक साल से आत्महत्याओं पर बहस का दौर शुरू है। सुशांत सिंह राजपूत की मृत्यु के बाद से लेकर मनसुख हिरेन की मौत तक एक पहेली ही बनी हुई है।
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सुशांत राजपूत केस में ड्रग्स कनेक्शन को लेकर चार्जशीट फाइल । ड्रग्स केस : चार्जशीट में दीपिका, श्रद्धा व सारा के बयान भी
Satya Hindi News Bulletin। सत्य हिंदी समाचार बुलेटिन। सुशांत सिंह राजपूत की बहन के ख़िलाफ़ बरकरार रहेगा रिया का केस । बिजनौर: प्रियंका बोलीं- किसान भलाई नहीं चाहते तो क्यों कर रहे?
दिवंगत फ़िल्म अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की बहन प्रियंका सिंह पर मुक़दमा चलाया जाना चाहिए। बंबई हाई कोर्ट ने एक फ़ैसले में यह कहा है। प्रियंका सिंह पर फ़र्जी प्रिस्क्रिप्शन पर सुशांत सिंह के लिए दवाएं लेने का आरोप है।
सुशांत सिंह राजपूत मौत मामले में बॉम्बे हाई कोर्ट ने कहा है कि रिपब्लिक टीवी और टाइम्स नाउ की रिपोर्टिंग एक नज़र में अवमानना वाली है। हालाँकि, कोर्ट ने इसके लिए कोई सज़ा नहीं सुनाई।
Aaj Ka Agenda । विज्ञापन में ऐसा क्या था कि रणवीर सिंह की हो गई खिंचाई? कप्पन के मामले में अर्णब जैसी तेज़ी क्यों नहीं? लोगों के निजी मामलों में भी घुसेगी बीजेपी सरकार? देखिए वरिष्ठ पत्रकार नीलू व्यास का विश्लेषण
सोशल मीडिया पर 'बिंगो का बहिष्कार' ट्रेंड करता रहा। वजह थी विज्ञापन। आरोप लगाया गया कि विज्ञापन में शब्दों के माध्यम से सुशांत सिंह राजपूत का मज़ाक़ उड़ाया गया। अब भावनाएँ तो भावनाएँ हैं।