कांग्रेस संगठन में बदलाव, चुनाव की माँग और कई अन्य परिवर्तनों पर 23 वरिष्ठ नेताओं को अपेक्षा के अनुरूप उत्तर प्रदेश में समर्थन नहीं मिला। कांग्रेस संगठन के लिहाज़ से उत्तर प्रदेश में सबसे ज़्यादा एआईसीसी व पीसीसी सदस्य हैं और इनमें से ज़्यादातर मौजूदा समय के पहले के हैं। कांग्रेस के कई कद्दावर नेता यूपी से ही हैं। इन सबके बाद भी जब बदलाव की बात उठी तो यूपी से महज एक बड़े नेता जितिन प्रसाद को छोड़ कोई सामने नहीं आया। 
कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक के बाद तो संतुष्ट, असंतुष्ट, सक्रिय-निष्क्रिय सभी तरह के नेता व कार्यकर्ता बदलाव का मुद्दा उठाने वाले ग़ुलाम नबी आज़ाद के ख़िलाफ़ टूट पड़े। बतौर कांग्रेस महासचिव सबसे ज़्यादा बार यूपी के प्रभारी ग़ुलाम नबी रहे हैं और मौजूदा एआईसीसी व पीसीसी के सदस्य उनके ही नियुक्त किए गए हैं। बावजूद इसके ग़ुलाम नबी का तीखा विरोध कहीं से प्रयोजित नहीं बल्कि स्वत:स्फूर्त नज़र आता है। बदलाव की माँग वाले पत्र पर दस्तख़त करने वाले जितिन प्रसाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं का विरोध देख तलवार म्यान में रख चुके हैं और बचाव की मुद्रा में आ गए हैं।