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यौन उत्पीड़न के आरोपी बृजभूषण ने की 2024 के चुनाव लड़ने की घोषणा

क्या यौन उत्पीड़न के मामले में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को कोई चिंता नहीं है और इसका उनपर कुछ असर नहीं होने वाला है? यह सवाल इसलिए कि बीजेपी की आज रैली हुई, बृजभूषण ने बीजेपी के मंच से ही 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए अपनी दावेदारी रखी, कांग्रेस पर हमला बोला और महिला पहलवानों पर तंज कसा। बिल्कुल उस अंदाज में जैसे उन्हें महिला पहलवानों के इस स्तर के यौन उत्पीड़न के आरोप और विरोध-प्रदर्शन से कुछ फर्क ही नहीं पड़ा हो!

देश के सबसे शिखर के पहलवान एक महीने से भी ज़्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। इस यौन उत्पीड़न के पूरे मामले ने देश को झकझोर दिया। महिला पहलवानों ने एफ़आईआर में एक-एक घटना का ज़िक्र किया। शिकायत करने के बाद महिला पहलवानों ने कथित रूप से धमकियाँ झेलीं। जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान दिल्ली पुलिस ने उन पर एफ़आईआर दर्ज की। यहाँ तक कि पहलवानों ने अपने मेडल नदी में बहाने की घोषणा तक कर दी थी।

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लेकिन ऐसा नहीं है कि इसका दबाव बृजभूषण शरण सिंह और बीजेपी पर नहीं पड़ा। दबाव पड़ा था और शायद इसी वजह से बृजभूषण शरण सिंह ने 5 जून यानी सोमवार को खुद के समर्थन में होने वाली रैली को टाल दिया था। इसकी घोषणा करते हुए बृजभूषण ने कहा था, "उद्देश्य यह है कि 5 जून को अयोध्या में एक संत सम्मेलन आयोजित करने का निर्णय लिया गया ताकि पूरे समाज में फैल रही बुराई पर विचार किया जा सके, लेकिन अब जबकि पुलिस आरोपों की जांच कर रही है और सुप्रीम कोर्ट के गंभीर निर्देशों का सम्मान करते हुए 'जन चेतना महारैली, 5 जून, अयोध्या चलो' कार्यक्रम कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया है।"

लेकिन इसके बाद ख़बर आई थी कि बृजभूषण 11 जून को बीजेपी की एक रैली को संबोधित करेंगे। यह रैली 2024 के चुनाव के लिए बीजेपी के महासंपर्क अभियान के तहत की जा रही है।

आज यानी रविवार को बीजेपी की इसी रैली में बृजभूषण सिंह ने घोषणा की कि वह उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से एक बार फिर 2024 का लोकसभा चुनाव लड़ेंगे। वह मोदी सरकार के नौ साल पूरे होने के अवसर पर उत्तर प्रदेश के गोंडा में एक रैली को संबोधित कर रहे थे। हालाँकि, अपने भाषण के दौरान बृजभूषण ने विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया सहित शीर्ष पहलवानों के विरोध का ज़िक्र नहीं किया। लेकिन उन्होंने अपने भाषण की शुरुआत एक कविता के साथ की, 'कभी अश्क, कभी गम तो कभी जहर पिया जाता है। तब जाकर जमाने में जिया जाता है। ये मिला मुझे मुहब्बत का सिला, बेवफा कहके मेरा नाम लिया जाता है। इसको रूसवाई कहने की शोहरत अपनी, दबे होंठों से मेरा नाम लिया जाता है।'
दिल्ली में पिछले बुधवार को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के आवास पर लंबी बैठक के बाद देश के कुछ शीर्ष पहलवानों ने कहा है कि वे 15 जून तक अपना विरोध प्रदर्शन बंद रखेंगे।
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने पिछले दिनों पहलवानों के साथ क़रीब छह घंटे तक बैठक की थी। बैठक के बाद बजरंग पुनिया ने कहा था, 'सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि पुलिस जांच 15 जून से पहले पूरी कर ली जाएगी। हमने अनुरोध किया है कि पहलवानों के खिलाफ सभी प्राथमिकी वापस ली जानी चाहिए और उन्होंने इसके लिए हामी भर दी है। अगर 15 जून तक कोई कार्रवाई नहीं की जाती है, तो हम अपना विरोध जारी रखेंगे।' केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, 'मैंने पहलवानों के साथ 6 घंटे की लंबी चर्चा की। हमने पहलवानों को आश्वासन दिया है कि 15 जून तक जांच पूरी कर ली जाएगी और चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। डब्ल्यूएफ़आई का चुनाव 30 जून तक होगा।'
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इस बैठक से पहले पहलवानों ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद जब कुछ पहलवान अपने काम पर लौट गए तो कई तरह के कयास लगाए गए। लेकिन पहलवानों ने यह कहते हुए उन कयासों को खारिज कर दिया कि 'सत्याग्रह के साथ साथ रेलवे में अपनी ज़िम्मेदारी को निभा रहे हैं। इंसाफ़ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी है।'

इधर, बृजभूषण शरण सिंह पर आरोप लगाने वाली व्यस्क छह महिला पहलवानों में से एक द्वारा लगाए गए एक आरोप को एक अंतरराष्ट्रीय रेफरी ने पुष्टि की है। यह आरोप एक महिला पहलवान ने लगाया था जिसमें कहा गया कि पिछले साल मार्च में टीम ने लखनऊ में एशियाई चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के अंत में एक तस्वीर खिंचवाई थी। उसी दौरान की एक घटना को लेकर महिला पहलवान ने शिकायत की थी। अंतरराष्ट्रीय कुश्ती रेफरी जगबीर सिंह ने इस आरोप पर अपना बयान दर्ज कराया है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जगबीर सिंह बृजभूषण और शिकायतकर्ता से कुछ फीट की दूरी पर खड़े थे। रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने दिल्ली पुलिस के सामने अपनी गवाही में पहलवान के आरोप की पुष्टि की है। उन्होंने कहा है, 'मैंने उन्हें (बृजभूषण) उनके (महिला पहलवान) बगल में खड़े देखा। उन्होंने खुद को छुड़ाया, धक्का दिया, बुदबुदाई और दूर हट गई। वह अध्यक्ष के बगल में खड़ी थीं, लेकिन फिर सामने आ गईं। मैंने देखा कि यह महिला पहलवान कैसी प्रतिक्रिया दे रही थी और वह असहज थी। उसके साथ कुछ गलत हुआ। मैंने उन्हें कुछ करते हुए नहीं देखा, लेकिन उसके हाथ पैर खूब चलते थे, इधर आ जा। इधर खड़ी हो जा। उसके (शिकायतकर्ता के) व्यवहार से यह स्पष्ट था कि उस दिन (फोटो सत्र के दौरान) कुछ गलत हुआ था।'

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इससे पहले 2010 राष्ट्रमंडल खेलों की स्वर्ण पदक विजेता अनीता ने भी एक महिला पहलवान द्वारा लगाए गए आरोप की पुष्टि की है। अनीता ने कहा कि शिकायतकर्ता ने उन्हें विदेश में एक टूर्नामेंट से उस घटना को साझा करने के लिए फोन किया था जहां बृजभूषण ने कथित तौर पर उन्हें अपने कमरे में बुलाया था और उसे जबरन गले लगाया था। पटियाला में राष्ट्रीय शिविर में लौटने के बाद अनीता को अपनी आपबीती सुनाते हुए शिकायतकर्ता रो पड़ी थीं। 

इधर, बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पहलवान ने अपना बयान वापस ले लिया है। इस पर उठते सवालों के बीच उस नाबालिग महिला पहलवान के पिता की सफ़ाई आई है। नाबालिग शिकायतकर्ता के पिता ने गुरुवार को कहा है कि वह निर्दोष साबित हो रहे हैं तो यह बेहतर है कि कोर्ट की बजाय अभी सच सामने आ जाए। रिपोर्ट के अनुसार नाबालिग के पिता ने कहा है कि पहले की शिकायत जानबूझकर की गई थी और झूठी थी। नाबालिग के पिता ने पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में कहा, 'चूँकि अब बातचीत शुरू हो गई है, सरकार ने पिछले साल मेरी बेटी की हार (एशियाई अंडर-17 चैंपियनशिप ट्रायल में) की निष्पक्ष जाँच का वादा किया है, इसलिए यह मेरा भी कर्तव्य है कि मैं अपनी गलती सुधारूं।'

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क़मर वहीद नक़वी
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