loader

हाथरस : यूपी के मुख्यमंत्री ने की सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस बलात्कार व हत्याकांड की जाँच केंद्रीय जाँच ब्यूरो से कराने की सिफ़ारिश की है। 
यह महत्वपूर्ण इसलिए है कि मुख्यमंत्री के इस एलान के कुछ देर पहले ही जब राहुल और प्रियंका गांधी ने पीड़िता के परिवार वालों से मुलाक़ात की थी तो उन्होंने न्यायिक जाँच की माँग की थी। उन्होंने सीबीआई जाँच की मांग नहीं की थी। परिवार के लोगों ने शनिवार की सुबह पत्रकारों से बात करते समय भी सीबीआई जाँच नहीं कराने की बात कही थी। 

पीड़िता के भाई ने भी पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।

लेकिन इसके थोड़ी देर बाद ही मुख्यमंत्री ने जिस तरह सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश कर दी, उससे लोग चौंक गए हैं। 

इसके ठीक पहले राहुल और प्रियंका गांधी ने शाम 7.20 बजे पीड़िता के परिवार से मुलाक़ात की। उनके साथ केसी वेणुगोपाल, अधीर रंजन चौधरी और पीएल पुनिया भी थे। यह बातचीत करीब आधे घंटे चली। 
पीड़िता के परिजनों से मुलाक़ात के बाद पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ सरकार लोगों को सुरक्षा देने में पूरी तरह नाकाम रही है। उस समय तक सीबीआई जाँच की कोई मांग कहीं से नहीं आई थी। 

डैमेज कंट्रोल

पर्यवेक्षकों का कहना है कि सीबीआई जाँच भी योगी आदित्यनाथ सरकार का डैमेज कंट्रोल ही है। इसके तहत इसके पहले मुख्यमंत्री के निर्देश पर दो आला अफ़सरों ने पीड़िता के परिजनों से मुलाक़ात की थी। मुख्य सचिव (गृह) अवनीश अवस्थी और पुलिस महानिदेशक डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने शनिवार को पीड़िता के परिजनों से मुलाक़ात की है। 
यह डैमेज कंट्रोल इसलिए ज़रूरी हो गया है कि सरकार की काफी फ़जीहत हुई है। पुलिस और प्रशासन ने हाथरस में पीड़िता के परिजनों को दो दिनों तक घेरेबंदी में रखा, उनसे मिलने की किसी को नहीं जाने दिया, उनकी निगरानी रखी।
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

उत्तर प्रदेश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें