लखीमपुर खीरी में बीते रविवार दिनदहाड़े हुई पूर्व विधायक निर्वेंद्र मिश्रा 'मुन्ना' की हत्या ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के 'निर्भय प्रदेश' के कथित दावों पर एक और तमाचा जड़ दिया है। इसी ज़िले में गुज़रे एक सप्ताह में अलग-अलग घटनाओं में लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या की 2 वारदातें हो चुकी हैं। लखीमपुर 'प्रदेश' का अकेला ज़िला नहीं है जहाँ हत्या और बलात्कार की घटनाएँ हो रही हैं। वस्तुतः अपराध की ऐसी वारदातें आज पूरे प्रदेश का रोना है।
निर्वेंद्र मिश्रा की हत्या: अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं उत्तर प्रदेश में?
- उत्तर प्रदेश
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- 7 Sep, 2020

पूरे 'प्रदेश' का अगर नक्शा खींचा जाए तो दर्जनों ज़िले हर दिन हिंसा, हत्या और बलात्कार के अपराधों के दरया में बुरी तरह डूबे मिलेंगे। चोरी, छिनैती, डकैती और अपहरण की घटनाओं की तो गिनती ही अलग है। क्या मुख्यमंत्री अपराध से निबटने की किसी नई योजना को लेकर जनता-जनार्दन के बीच में आने वाले हैं या वह अपने पुराने अपराध निबटाऊ मन्त्र-एनकाउंटर की नीतियों से ही काम चलाएँगे?
लखीमपुर की घटना बड़ी लोमहर्षक है जो यह सवाल खड़ा करती है कि जहाँ बेख़ौफ़ भीड़ एक पूर्व विधायक को सरेआम लात घूँसों से मार डालने में कोई गुरेज़ नहीं करती वहाँ एक सामान्य व्यक्ति कैसे स्वयं को सुरक्षित मान कर चल सकता है।