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यूपी एटीएस ने देवबंद से दबोचे जैश-ए-मुहम्मद के दो संदिग्ध आतंकी

क्या पुलवामा में हुए आतंकवादी हमले के बाद पाकिस्तानी गुट जैश-ए-मुहम्मद भारत में किसी और बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में है? यह सवाल इसलिए महत्वपूर्ण है कि उसी तरह के और हमले की आशंका के बीच जैश-ए-मुहम्मद के दो कथित आतंकवादियो को गिरफ़्तार कर लिया गया है। उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद विरोधी जत्थे ने सहारनपुर के देवबंद से जैश के दो लोगो को शुक्रवार को धर दबोचा है। उन्हें ट्रांजिट रिमान्ड पर लखनऊ ले जाकर उनसे गहन पूछताछ की जाएगी।  
पुलवामा हमले के बाद से ही सुरक्षा एजेंसियाँ संदिग्धों पर पैनी नज़र रखी हुई हैं। वहीं पुलिस भी अपने आंख-कान खोले हुए है। डीजीपी ओ.पी. सिंह के मुताबिक़, पुलिस को रात में संदिग्ध आतंकियों की सूचना मिली, जिसके बाद रात में ही सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया। तलाशी में एटीएस ने शाहनवाज़ और आक़िब अहमद मलिक नाम के दोनों संदिग्धों को गिरफ़्तार कर लिया।
डीजीपी ओ.पी. सिंह ने बताया कि गिरफ़्तार किए गए संदिग्ध शहनवाज़ और आक़िब जम्मू-कश्मीर के कुलगाम और पुलवामा के रहने वाले हैं। अब दोनों को ट्रांजिट रिमांड पर एटीएस, सहारनपुर से लखनऊ ले जाकर पूछताछ की जाएगी। सिंह ने बताया कि दोनों आतंकियों के पास से आपत्तिजनक सामान भी बरामद किए गए हैं।
बरामद चीजों में 32 बोर की 2 पिस्टल और 30 ज़िंदा कारतूस हैं। इसके अलावा इनके पास से जिहादी काग़ज़ात भी मिले हैं। उन्होंने बताया कि गिरफ़्तार आतंकवादियों में शाहनवाज ग्रेनेड का विशेषज्ञ है।

जैश-ए-मुहम्मद के लिए करते थे भर्ती

उत्तरप्रदश के डीजीपी ओ.पी. सिंह ने बताया कि  पकड़े गए दोनों संदिग्ध कश्मीरी छात्र हैं, और वे किसी कोर्स में दाखिला लिए बग़ैर ही देवबंद दारुल उलूम में रह रहे थे। इनके फ़ोन लगातार ट्रेस किए जा रहे थे। दोनों का काम जैश के लिए नए लड़कों की भर्ती कराना था। इससे पहले वे नए लड़कों का 'ब्रेन वॉश' करने का काम भी करते थे। पुलिस के मुताबिक़, वह इनसे पूछताछ के बाद ही आगे की जानकारी दे पाएगी। पुलिस गिरफ्तार किए गए लोगों को रिमांड में लेकर यह जानने की कोशिश कर रही है कि अब तक इन्होंने कितने लड़ाकों की भर्ती कराई है और कितने लोगों के संपर्क में थे।
बता दें कि जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने रात में ही सहारनपुर के देवबंद में घरों और हॉस्टलों में तलाशी शुरू कर दी थी। वहां के छात्रों में तलाशी को लेकर गुस्सा है। ग़ौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा ज़िले में रूह दहला देने वाला हमला हुआ था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे। इस हमले की ज़िम्मेदारी भी जैश-ए- मुहम्मद ने ही ली थी। देश की ख़ुफिया एजेंसियों के अलावा पुलिस भी पूरी तरह से सतर्क है।

'और विस्फोट होंगे'

'इंडिया टुडे' की ख़बर के मुताबिक़, ख़ुफ़िया एजेन्सियों ने जानकारी दी थी कि जैश-ए-मुहम्मद और आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रच रहा है। एक छोटे गुट को भेजे गए कथित ख़ुफ़िया मैसेज को इंटरसेप्ट कर यह पता लगाया गया था कि जैश सुरक्षा बलों के किसी और काफ़िले पर भी हमला करने की योजना बना रहा है। ख़ुफ़िया एजेन्सियों ने यह भी पता लगा लिया कि तंगधार और चौकीबल में नीले रंग की स्कॉर्पियो तैयार रखी गई है और शायद किसी फ़िदायीन हमले की तैयारी की गई है। 
ख़ुफ़िया एजेंसियों का दावा है कि उन्होंने जैश से जुड़े एक सोशल मीडिया प्लैटफ़ॉर्म पर डाले गए एक मैसेज को डीकोड किया है। इसके मुताबिक़, यह कहा गया था कि पुलवामा हमले में तो सिर्फ़ 200 किलोग्राम विस्फोटक का इस्तेमाल हुआ था, जो एक तरह से 'खिलौना' था। अब सुरक्षा बलों को 500 किलोग्राम के विस्फोटक का सामना करने की तैयारी करनी चाहिए। उस मैसेज में यह भी दावा किया गया है कि भारत के सुरक्षा बलों पर और हमले होंगे और इसलिए भारत के सुरक्षा बल कश्मीरियों को निशाना न बनाएँ। मैसेज में कहा गया है, 'यह लड़ाई हमारे और तुम्हारे बीच है, इसलिए आओ और हमारा मुक़ाबला करो।' 
ख़ुफ़िया एजेन्सियों को यह जानकारी भी मिली है कि सीमा पार कुछ आतंकवादी भारत में घुसपैठ करने की तैयारी में घात लगाए बैठे हैं। यह भी कहा गया है कि 5-6 आतंकवादियों का एक गुट इस इंतजार में है कि उसे हुक़्म मिले और वह गुरेज़ सेक्टर से भारत में घुस जाए। 
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क़मर वहीद नक़वी
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