उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अचानक दिल्ली बुलाए जाने से राज्य के अंदर अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है। तीरथ इन दिनों संवैधानिक संकट का सामना कर रहे हैं। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुच्छेद 151ए के मुताबिक़, चूंकि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विधायक नहीं हैं इसलिए उन्हें इस पद पर बने रहने के लिए मुख्यमंत्री चुने जाने के दिन से छह महीने के अंदर विधानसभा का निर्वाचित सदस्य बनना होगा और यह समय सीमा 9 सितंबर को ख़त्म हो जाएगी। ऐसे में तीरथ के पास दो महीने से कुछ ज़्यादा दिन का वक़्त ही बचा है।
उत्तराखंड: तीरथ सिंह को अचानक बुलाया दिल्ली, अटकलों का बाज़ार गर्म
- उत्तराखंड
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- 1 Jul, 2021
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को अचानक दिल्ली बुलाए जाने से राज्य के अंदर अटकलों का बाज़ार गर्म हो गया है।

तीरथ सिंह रावत अभी पौड़ी सीट से सांसद हैं और उन्होंने 10 मार्च, 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
लेकिन यहां भी एक मुश्किल है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम का अनुच्छेद 151ए यह भी कहता है कि ऐसे राज्य में जहां चुनाव होने में एक साल से कम का वक़्त हो, वहां उपचुनाव नहीं कराए जा सकते।