रिया अपराधी और कंगना नायिका, मीडिया का दोगलापन या एक षड्यंत्र ? क्या मीडिया लोकतंत्र को बर्बाद करने पर तुला है ? मीडिया लिंच माब पैदा कर रहा है ? आशुतोष ने सेंटर फ़ार सोशल रिसर्च की डायरेक्टर रंजना कुमारी से बात की ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।