आज़ादी के दिन आज़ादी की याद भी, फ़रियाद भी !वीडियो|आलोक जोशी |16 Aug, 2020आज़ादी का जश्न तो मनाया, लेकिन आज़ादी की कीमत भूल गए? स्वतंत्रता दिवस के एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट का फैसला मज़ाक नहीं है? ऐसे चलेगी आज़ादी जिसके लिए लोगों ने सीने पे गोलियां खाईं? आलोक जोशी की टिप्पणी। Alok JoshiPrashant Bhushan contempt caseसत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करेंआलोक जोशीलेखक सीएनबीसी आवाज़ के पूर्व संपादक हैंआलोक जोशी की और स्टोरी पढ़ेंसावरकर को गाँधी की हत्या मामले में क्यों नहीं हुई थी सज़ा?पिछली स्टोरी क्यों और कैसे धोनी बना इतना बड़ा कप्तान!अगली स्टोरी