महिला बिल क्यों अचानक लाया गया ? क्या ये ऐतिहासिक है ? क्यों विपक्ष इसको फ्राड कह रहा है ? क्यों आप इसे छलावा कर रही है ? क्या वाक़ई ये बिल एक धोखा है ? आशुतोष के साथ चर्चा में राकेश सिन्हा, यशोवर्धन आजाद, असलम शीबा फहमी, प्रो रविकांत, जावेद अंसारी और धर्मेंद्र ।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।