‘बाहरी लोगों’ और ‘ग़ैर-बंगालियों’ की पार्टी होने के आरोपों की काट निकालने के लिए भारतीय जनता पार्टी की पश्चिम बंगाल ईकाई ने अब ‘जय श्री राम’ के साथ ‘जय माँ काली’ का नारा भी अपना लिया है। प्रतीकों की राजनीति के खेल में पश्चिम बंगाल में अब यह होड़ लग गई है कि कौन अधिक बंगाली है और कौन बंग संस्कृति को लेकर अधिक सजग है। बीजेपी ने मुसलिम तुष्टीकरण के आरोपों को लेकर जिस तरह ममता बनर्जी की घेराबंदी की और उन्होंने उसके जवाब में ‘बंगालीपन’ का कार्ड खेला, उससे तिलमिलाई बीजेपी अब ‘जय श्री राम’ को थोड़ा पीछे खिसका कर ‘जय मां काली’ को सामने ला रही है।