पश्चिम बंगाल की राजनीति में मुसलिम वोटों को लेकर मारामारी शुरू हो ग़यी है। पहले असदउद्दीन ओवैसी और अब राज्य के फुरफुरा शरीफ़ दरगाह के पीरज़ादा अब्बास सिद्दीक़ी ने ऐलान किया है कि वे अपनी पार्टी बना चुनाव लड़ेंगे। ये वही पीरजादा सिद्दीक़ी हैं, जो भारतीय जनता पार्टी को 'देश का दुश्मन' क़रार देते आये हैं।
अब सवाल यह है कि उनकी नई राजनीतिक मुहिम से क्या बीजेपी को फायदा पँहुचाने के लिये है? क्या वे ममता को कमज़ोर करने के लिये यह काम कर रहे हैं या फिर उनके इरादे कुछ और हैं? क्या मुसलमान वोटर वाकई ममता को छोड उनकी पार्टी को वोट भी देगा, यह भी बडा सवाल है?

























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