लोकसभा चुनाव से ऐन पहले और सीएए यानी नागरिकता क़ानून को लागू किए जाने के कयासों के बीच पश्चिम बंगाल में आधार कार्ड को लेकर हलचल क्यों है? पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर लोकसभा चुनाव से पहले उनके राज्य में लोगों के आधार कार्ड निष्क्रिय करने का आरोप लगाया। उनका इशारा इस तरफ़ है कि कथित तौर पर चुनाव को प्रभावित करने के लिए ऐसा किया जा रहा है। तो सवाल है कि आख़िर आधार कार्ड के डिएक्टिवेट यानी निष्क्रिय किए जाने से इस पर किस तरह का असर पड़ सकता है?
बंगाल में आधार कार्ड 'निष्क्रिय' क्यों किए जा रहे हैं? जानें ममता के बड़े आरोप
- पश्चिम बंगाल
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- 19 Feb, 2024
लोकसभा चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल में आधार कार्ड को डिएक्टिवेट करने जैसे आरोप क्यों लग रहे हैं? जानिए, ममता बनर्जी ने क्या आरोप लगाया और इसके ख़िलाफ़ क्या क़दम उठा रही हैं।

ममता बनर्जी का यह बयान उन ख़बरों के बीच आया है जिनमें कहा गया कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में कई लोगों को यूआईडीएआई से पत्र मिले थे। पत्र में बताया गया कि उनके आधार नंबर निष्क्रिय कर दिए गए हैं और देश में रहने के लिए वे ज़रूरी चीजें पूरी नहीं करते हैं। रिपोर्ट है कि उत्तर 24-परगना, नादिया और पूर्वी बर्दवान जैसे जिलों में पिछले कुछ दिनों में कई लोगों को ऐसे पत्र मिले हैं।