पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के बढ़ते प्रभाव से परेशान ममता बनर्जी ने अगले विधानसभा चुनावों की तैयारियों के लिए प्रशांत किशोर की मदद लेने का फ़ैसला किया है। संसदीय चुनाव में राज्य की 42 में से 18 सीटें बीजेपी की झोली में जाने से बौखलाई तृणमूल प्रमुख ने उसे रोकने के लिए नई रणनीति पर काम करने का निर्णय लिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि चुनावी रणनीतिकार पश्चिम बंगाल की राजनीति को कितना समझते हैं और वह कितने कारगर होंगे। यह भी बेहद दिलचस्प बात है कि 2014 के चुनाव में प्रशांत किशोर ने जिस बीजेपी को दिल्ली की सत्ता पर काबिज होने में मदद की, अब वह उसे ही पश्चिम बंगाल में रोकने की रणनीति बनाएँगे।