यदि किसी देश का राष्ट्रपति अपने ही देश में हो रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन करे, उसमें शामिल हो जाए या वहाँ लोगों के बीच भाषण देने पहुँच जाए तो आप क्या कहेंगे? और यदि यह विरोध प्रदर्शन कोरोना रोकथाम के लिए लगाए गए लॉकडाउन के ख़िलाफ़ हो रहा तो? 

ऐसी एक घटना लातिन अमेरिकी देश ब्राज़ील में हुई। राष्ट्रपति जेअर बोसोनेरो ने रविवार को राजधानी ब्रासीलिया में लॉकडाउन हटाने की माँग कर रहे प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित किया और उनका समर्थन किया। 

क्या है मामला?

ब्राज़ील के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग गवर्नर हैं और उन्होंने लॉकडाउन कर रखा है। कई जगह इस तरह के प्रदर्शन हुए। इन प्रदर्शनों में सेना से अपील की गई कि वह ब्राज़ील की संसद कॉंग्रेस और सुप्रीम कोर्ट बंद कर दे और देश की सत्ता पर कब्जा कर ले।  

ब्राजील के कई राजनेताओं ने कोरोना से निपटने और लॉकडाउन लगाने के मुद्दे पर राष्ट्रपति बोसोनेरो की तीखी आलोचना की है।

बोसोनेरो लॉकडाउन के ख़िलाफ़ हैं। वे संक्रमित लोगों को क्वरेन्टाइन करने के भी विरुद्ध हैं। लेकिन उन्होंने न्यूयॉर्क टाइम्स से कहा,
‘ब्राज़ील में हर आदमी को यह ज़रूर समझना चाहिए कि वह जनता की इच्छा के अधीन है।’

संक्रमण की चपेट में ब्राज़ील

ब्राज़ील के राष्ट्रपति ने कोरोना संक्रमण को कम कर दिखाया है। उनका मानना है कि गवर्नरों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों का लोगों की आर्थिक स्थिति पर बहुत ही बुरा असर पड़ेगा और यह वायरस के असर से ज़्यादा घातक होगा।  

कड़े प्रतिबंधों और आर्थिक गतिविधियों पर  रोक को उचित ठहराने वाले अपने स्वास्थ्य मंत्री को बोसोनेरो ने पिछले हफ़्ते ही पद से हटा दिया। 

ब्राज़ील में अब तक 38,654 लोगों को कोरोना संक्रमण हो चुका है और 2,462 लोगों की मौत इससे हो चुकी है।
याद दिला दें कि यह वही बोसोनेरो हैं, जो इस साल गणतंत्र दिवस पर भारत के विशेष अतिथि थे। वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नज़दीक समझे जाते हैं।