ईरान पर यूएस हमले के जवाब में यमन के हूती विद्रोहियों ने अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाने की धमकी दी है। यह धमकी यूएस बी 2 बमर्स के यूएस से मिडिल ईस्ट में तैनाती के बाद आई है। युद्ध को लेकर हालात बिगड़ रहे हैं।
यमन की हूती सेना तैयारी करते हुए
यमन के ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने शनिवार को चेतावनी दी है कि यदि अमेरिका इसराइल के साथ मिलकर ईरान पर हमले में शामिल होता है, तो वे लाल सागर में अमेरिकी जहाजों को निशाना बनाएंगे। यह बयान हूती समूह के सैन्य प्रवक्ता ने दिया। इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिका ने अपने बी 2 बमर्स को मिडिल ईस्ट भेजा है। अभी तक बी 2 बमर्स यूएस में तैनात थे। इसके बाद यमन के हूतियों की चेतावनी आई। राजधानी सना में यमन के लोगों ने बहुत बड़ा प्रदर्शन किया। इसके जो वीडियो सामने आए हैं, उससे लगता है कि पूरा यमन सना में जमा हो गया है।
हूतियों ने समझौता याद दिलाया
हूती विद्रोहियों ने कहा कि मई 2025 में अमेरिका और हूती समूह के बीच एक युद्धविराम समझौता हुआ था, जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को निशाना नहीं बनाने की सहमति जताई थी। हालांकि, अब इस समझौते को चुनौती देते हुए हूती प्रवक्ता ने चेतावनी दी कि यदि वाशिंगटन ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में शामिल होता है, तो वे अपने वादे से पीछे हट सकते हैं और अमेरिकी जहाजों पर हमले शुरू कर सकते हैं।
यूएस के बी 2 बमर्स की तैनाती
अमेरिकी बी-2 स्टील्थ बॉम्बर, जो कि विशाल बंकर बस्टर बम गिराने में सक्षम हैं, प्रशांत महासागर में गुआम की ओर बढ़ रहे हैं। ओपन-सोर्स फ्लाइट ट्रैकर्स ने शनिवार को इसकी गतिविधियां दिखाईं। संभवतः यह संकेत है कि अमेरिका ईरानी साइट पर हमले की तैयारी कर रहा है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने रॉयटर्स से इस कदम की पुष्टि की। यह स्पष्ट नहीं है कि बमवर्षक की तैनाती मिडिल ईस्ट तनाव से जुड़ी है या नहीं। ये बमर्स शायद फोर्डो में ईरान की भूमिगत परमाणु सुविधा को नष्ट करने में सक्षम हैं।
अधिकारियों ने कोई और जानकारी देने से मना कर दिया। एक अधिकारी ने कहा कि बमवर्षकों को गुआम से आगे ले जाने के लिए अभी तक कोई अग्रिम आदेश नहीं दिया गया है। उन्होंने यह नहीं बताया कि कितने बी-2 बमवर्षक विमानों को ले जाया जा रहा है। इसराइल के अखबार हारेत्ज़ के अनुसार, 2 से 4 बमवर्षक विमान, 6 ईंधन भरने वाले विमानों के साथ, मिसौरी के जॉनसन काउंटी में स्थित व्हाइटमैन एयर फोर्स बेस से गुआम नौसेना बेस की ओर बढ़े।
हूती प्रवक्ता याह्या सरी ने एक वीडियो बयान में कहा, "यदि अमेरिका इसराइल के साथ मिलकर ईरान पर हमला करता है, तो हमारी सशस्त्र सेनाएं लाल सागर में उनके जहाजों और युद्धपोतों को निशाना बनाएंगी।" यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान को चेतावनी दी है कि वह हूती समूह का समर्थन तुरंत बंद करे, अन्यथा अमेरिका कड़े कदम उठाएगा।
अमेरिका ने मई में हूती समूह के साथ युद्धविराम पर सहमति जताई थी, लेकिन इसराइल-ईरान संघर्ष के बढ़ने के साथ इस समझौते पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि अमेरिका ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई में शामिल होता है, तो यह क्षेत्रीय युद्ध को और गहरा सकता है।
इसराइल और ईरान के बीच तनाव पिछले सप्ताह से चरम पर है, जब इसराइल ने 13 जून 2025 को 'ऑपरेशन राइजिंग लायन' के तहत ईरान के परमाणु और सैन्य ठिकानों पर हमले शुरू किए। इन हमलों में ईरान के नतांज़ और इस्फहान परमाणु सुविधाओं को निशाना बनाया गया, जिसके बाद ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की। इस संघर्ष में अब तक दोनों पक्षों ने सैकड़ों मिसाइलें और ड्रोन दागे हैं, जिससे क्षेत्र में अस्थिरता बढ़ गई है।
हूती समूह, जो ईरान का एक प्रमुख सहयोगी है, पहले भी इसराइल के खिलाफ कार्रवाई कर चुका है और ग़ज़ा में हमास के समर्थन में लाल सागर में जहाजों पर हमले कर चुका है। हाल के दिनों में, इसराइली नौसेना ने यमन के अल-हुदैदा बंदरगाह पर हमला किया था, जिसके जवाब में हूती ने मिसाइल हमले तेज कर दिए।