अफ़ग़ानिस्तान से आख़िरी अमेरिकी सैनिक भी लौट गए। अमेरिका ने इसकी पुष्टि की और तालिबान ने भी। 20 साल तक अमेरिका अफ़ग़ानिस्तान में संघर्ष करता रहा। अमेरिका ने जिस तालिबान को सत्ता से हटाया था आख़िरकार उसी तालिबान से वार्ता की। बातचीत के बाद जैसे-जैसे अमेरिकी सैनिक अपने देश लौटते रहे वैसे-वैसे तालिबान अफ़ग़ानिस्तान पर कब्जा जमाता गया। अब कट्टरपंथी इस्लामी तालिबान सत्ता में आ चुका है। आख़िरी अमेरिकी सैनिकों के लौटने के बाद काबुल में मंगलवार तड़के जश्न में गन फ़ायरिंक की आवाज़ें सुनी गईं और तालिबान ने इस घटना को एक महत्वपूर्ण क्षण के रूप में देखा।
अमेरिका और उसके सहयोगी देशों की वापसी बड़े उथल-पुथल के दौर में हुआ। हज़ारों अफ़ग़ान नागरिक भी देश छोड़कर निकलना चाहते थे लेकिन वे नहीं निकल पाए। इनमें से अधिकतर वे अफ़ग़ान हैं जिन्होंने उन देशों की मदद की थी और अब उन पर तालिबान के ख़तरे का अंदेशा है।