क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि ऐसी नौबत आ जाए कि डॉक्टर को मरीजों को यह सलाह देनी पड़े कि आप बीमार न पड़ें या फिर हादसे का शिकार न हों क्योंकि दवाएँ कम पड़ गई हैं?