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अगला दलाई लामा चीनी पसंद से नहीं : अमरीका

अमरीका ने संकेत दिया है कि वह अगले दलाई लामा के पद पर अपनी पसंद के आदमी को बैठाने की चीन की कोशिशों का पुरज़ोर विरोध करेगा। अमरीका की कार्यवाहक उप विदेश मंत्री लॉरा स्टोन ने सेनट की उपसमिति के सामने यह साफ़ कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘अमरीका का मानना है कि धार्मिक मामलों में राज्य को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। धार्मिक मामले में तमाम फ़ैसले धार्मिक संगठनों को ही करने चाहिए और राज्य की इसमें कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए।’ स्टोन की इस बात से यह साफ़ है कि तिब्बत के मामले में अमरीका की नीतियों में कोई बदलाव नहीं आया है। 
चीन ने तिब्बत के एक बच्चे को चुना है, जिसे वह अगला दलाई लामा बनाना चाहता है। वह तिब्बतियों के दलाई लामा को नहीं मानता। अमरीका ने इसका विरोध किया है।

अगला दलाई लामा कौन?

अमरीका ने यह बार-बार कहा है कि तिब्बत के धार्मिक गुरु का निर्णय उस पंथ के लोगों को ही करना चाहिए। इसमें चीन सरकार की कोई भूमिका नहीं है। तिब्बती बौद्ध परंपरा के मुताबिक़, किसी भी लामा यानी धार्मिक गुरु का चुनाव दिवंगत हो चुके धार्मिक गुरुओं के गुणों और चारित्रिक विशेषताओं के आधार पर किया जाता है। माना जाता है कि उनका पुनर्जन्म होता है और नए बच्चों के गुण-दोष के आधार पर धर्मगुरु का चुनाव होता है। मौजूदा दलाई लामा की मौत के बाद उनकी जगह कौन लेगा, इस पर हो रही राजनीति पर शह-मात के खेल में चीन और वॉशिंगटन उलझे हुए हैं। 
US to oppose China on next Dalai Lama - Satya Hindi
मुमक़िन है कि भारत में रहने वाले तिब्बती इन्हें अपना दलाई लामा चुनें ।

चीनी चाल

समझा जाता है कि चीन ने तिब्बत में जन्मे एक बच्चे को चुन लिया है, जो किसी गोपनीय जगह पर शिक्षा पा रहा है। माना जाता है कि चीन उसे ही अगला दलाई लामा घोषित करेगा ताकि वह उसके प्रभाव में रहें और उसकी नीतियों पर चले। तिब्बतियों ने मौजूदा कर्मपा लामा को चुना है। समझा जाता है कि वे अगले दलाई लामा बनाए जाएँगे। पर चीन उन्हें ख़ारिज़ कर चुका है। बीजिंग का कहना है कि तिब्बत का अगला दलाई लामा तिब्बत के लोग तय करेंगे। इस बहाने वह अपना आदमी वहाँ बैठाना चाहता है। अमरीका इसका विरोध कर रहा है।

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क़मर वहीद नक़वी
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