प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बॉलीवुड के लिए एक राहत पैकेज या फिर आयुष्मान भारत जैसी कोई योजना देनी होगी क्योंकि वहाँ एक गंभीर स्वास्थ्य परिवर्तन हो रहा है। बॉलीवुड के सिस्टम में जेनेटिक बदलाव हो रहे हैं, जहाँ नई पौध से रीढ़ की हड्डी ग़ायब हो रही है। पिछले एक साल की घटनाएँ तो इसी ओर इशारा कर रही हैं।
बॉलीवुड प्रेम कथा विशेषांक: भगवावुड बनाएँगे, भाजपा को जिताएँगे, ठीक है?
- विश्लेषण
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- 12 Feb, 2019

प्रधानमंत्री मोदी को बॉलीवुड के लिए एक राहत पैकेज या फिर आयुष्मान भारत जैसी कोई योजना देनी होगी क्योंकि वहाँ एक गंभीर स्वास्थ्य परिवर्तन हो रहा है।
बॉलीवुड प्रेम कथा भाग 1: अराजनैतिक लोगों की पहली बीमारी- राजनीति
रणवीर सिंह और आलिया भट्ट ने अपनी आनेवाली फ़िल्म ‘गली बॉय’ के प्रमोशन के सिलसिले में फ़िल्म क्रिटिक अनुपमा चोपड़ा से बात करते हुए स्वीकारोक्ति दी कि ये लोग ‘अराजनैतिक’ हैं। यह बात इस फ़िल्म के विवादास्पद गाने आज़ादी को लेकर हो रही थी। ग़ौरतलब है कि आज़ादी का गाना जेएनयू में कन्हैया कुमार और उनके साथियों द्वारा प्रदर्शन के दौरान लगाये नारों से प्रभावित है। हालाँकि जेएनयू में ऐसे नारे बहुत पहले से लगते रहे हैं पर आम जन मानस में कन्हैया मामले की बदौलत ही ये नारे पहुँचे। इस नारे को उसी उत्तेजना के साथ फ़िल्म गली बॉय में भी शामिल किया गया है।
- लेकिन इस बातचीत के कुछ ही दिनों पहले रणवीर, आलिया समेत तमाम बॉलीवुड सितारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने पहुँचे थे जहाँ रणवीर ने सेल्फ़ी ली और पीएम को झप्पी भी दी। इनके अलावा कंगना रनौत ने फ़िल्म 'मणिकर्णिका' के प्रमोशन के दौरान भी प्रधानमंत्री से मुलाक़ात की। इनसे पहले कलाकार स्वयंसेवक संघ के तौर पर अक्षय कुमार भी अपनी फ़िल्मों के प्रमोशन के लिए प्रधानमंत्री से मिलते रहे हैं। दिसंबर 2018 में अक्षय कुमार, अजय देवगन, करण जौहर इत्यादि स्वयंसेवकों का दल फ़िल्म इंडस्ट्री के नियमों को लेकर भी पीएम से मिला था। फिर जनवरी, 2019 में भी बहुत सारे लोग प्रधानमंत्री से मिले थे।