धनखड़ एपिसोड के पहले तक जनता के बीच दो तरह की चर्चाएँ चल रही थीं ! उन पर बहसें भी हो रही थीं और आर्टिकल्स भी लिखे जा रहे थे ! लिखने वालों में आरएसएस से जुड़े लोग भी थे। एक चर्चा का संबंध इस बात से था कि क्या 11 सितंबर को (इस दिन विनोबा जयंती भी है ) अपनी आयु के 75 वर्ष पूरे करते ही संघ प्रमुख मोहन भागवत अपना दायित्व किसी सहयोगी को सौंप देंगे ? दूसरी चर्चा यह थी कि छह दिन बाद ही 17 सितंबर को 75 पूरे करते ही क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं द्वारा स्थापित सिद्धांत के अनुसार अपने स्थान पर किसी अन्य नेता का नाम प्रस्तावित कर देंगे?