दो दिन पहले एक पोस्ट लिखी थी- बॉम्बे हाइकोर्ट ने सीपीएम को मुंबई में फिलिस्तीन के मुद्दे पर प्रदर्शन करने की इजाज़त नहीं दी। उल्टे यह सलाह दे डाली कि सीपीएम देश के ज़रूरी मुद्दों पर प्रदर्शन करे। इस पर आने वाली टिप्पणियों से समझ में आया कि लोग किस तरह मूल मुद्दों से भटक कर अपने पूर्वग्रहों के ही शिकार हो जाते हैं।
बॉम्बे हाईकोर्ट का फैसला अपनी जगहः लेकिन आंदोलन, प्रदर्शन लोकतंत्र के लिए ज़रूरी
- विश्लेषण
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- 30 Jul, 2025

ग़ज़ा नरसंहार पर भारत में प्रदर्शन नहीं हो सकता, यह बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है।
Gaza Genocide:बॉम्बे हाईकोर्ट ने अभी हाल ही में सीपीएम को ग़ज़ा के लोगों के लिए प्रदर्शन करने की मंजूरी नहीं दी। यह फैसला अपनी जगह। लेकिन आंदोलन, प्रदर्शन लोकतंत्र के लिए बेहद जरूरी है। लेकिन लोगों के पूर्वाग्रह देखकर हैरानी होती है। वरिष्ठ पत्रकार प्रियदर्शन की टिप्पणीः