मोदी सरकार के 'ग़रीब सवर्ण' आरक्षण पर चर्चा गरम है। मंगलवार को लोकसभा में इससे जुड़ा बिल पास हो गया। पर सवाल यह है कि क्या इसका फ़ायदा उनको मिलेगा जिनको ध्यान में रख कर यह किया गया है या करने की बात की गई है! क्या वाक़ई 'ग़रीब' सवर्ण इस फ़ैसले का लाभ उठा पाएगा? मेरा अपना मानना है कि इससे ग़रीब सवर्णों को कोई फ़ायदा नहीं होगा। उलटे उनके मौक़े पहले से 20% रह गए हैं! आप सुन कर हैरान हो गए होंगे! इस वक़्त सरकार के फ़ैसले से सवर्णों को लग रहा है कि उनकी तो लॉटरी निकल गई है क्योंकि उनको अब आसानी से नौकरी मिल जाएगी। आरक्षण उनके लिए नये अवसर के दरवाज़े खोलेगा। किसी ख़ुशफ़हमी में नहीं रहिएगा। ऐसा कुछ नहीं होगा। पहले ग़रीब सवर्ण भी जनरल कैटिगरी में आवेदन करते थे, जिसमें कुल सीटों की 50 फ़ीसदी से ज़्यादा सीटें आती थीं। लेकिन नयी आरक्षण व्यवस्था में तो केवल 10% सीटें उनके हिस्से में रखी गई हैं।