नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी लगातार मोदी सरकार पर कॉरपोरेट लूट को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हैं, लेकिन अब रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की एक रिपोर्ट भी बता रही है कि इस समय कॉरपोरेट मुनाफ़े ने सारे रिकार्ड तोड़ दिये हैं। आरबीआई की अक्टूबर बुलेटिन के मुताबिक़ कोविड के बाद बीते चार सालों में कॉरपोरेट मुनाफ़ा तीन गुना बढ़ा है। यह सकल घरेलू उत्पाद के 4.7 फ़ीसदी तक पहुँच गया है जो 17 सालों में सर्वाधिक है।
‘कॉरपोरेट लूट’ के राहुल गांधी के आरोप पर आरबीआई की मुहर!
- विश्लेषण
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- 23 Oct, 2025

'एटम बम' देख लिया, अब 'वोट चोरी' का 'हाइड्रोजन बम' आएगा: राहुल गांधी
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कॉरपोरेट सेक्टर पर बड़े पैमाने की लूट का आरोप लगाया था। अब रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि पिछले तीन सालों में कॉरपोरेट सेक्टर का मुनाफा ज़बर्दस्त बढ़ा है।
रिपोर्ट के मुताबिक़ वित्तीय वर्ष 2020-21 में कॉरपोरेट्स का कुल मुनाफा (नेट प्रॉफिट) 2.5 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024-25 तक बढ़कर 7.1 लाख करोड़ रुपये हो गया – यानी लगभग तीन गुना। कॉरपोरेट मुनाफे में यह उछाल कई कारकों का नतीजा है:
दबी हुई माँग: कोविड के बाद लोगों ने खरीदारी बढ़ाई, जिससे बिक्री में तेजी आई, खासकर 2021-22 में।
लागत प्रबंधन: कंपनियों ने ऑटोमेशन और दक्षता बढ़ाकर खर्च कम किया।
सरकारी नीतियाँ: कॉरपोरेट टैक्स में कटौती (2019 में 30% से 22%), कम ब्याज दरें, और प्रोडक्शन लिंक्ड इनसेंटिव (PLI) स्कीम ने कंपनियों को राहत दी।