ऑक्सफोर्ड यूनियन के एक कार्यक्रम में “फ्रॉम रेप्रेज़ेंटेशन टू रियलाइजेशन: एम्बेडिंग द कॉन्स्टिट्यूशन प्रॉमिस” मुद्दे पर बोलते हुए भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बी आर गवई ने कहा कि "(संविधान) यह नहीं मानता कि गहरी असमानता से घायल इस भूमि में सभी समान हैं। इसके बजाय, यह हस्तक्षेप करने की हिम्मत करता है, कहानी को फिर से लिखता है, शक्ति को पुनर्संतुलित करता है, और गरिमा को पुनर्स्थापित करता है।"
न्यायपालिका को ‘असली भारत’ के साथ खड़ा होना चाहिए
- विश्लेषण
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- 15 Jun, 2025

भारत की न्यायपालिका इस समय मुश्किल दौर से गुजर रही है। उस पर विश्वसनीयता और ईमानदारी का संकट है। हाल ही में भारत के चीफ जस्टिस बीआर गवई के भाषण ने इस संकट को शिद्दत से बताया है।