हाल ही में सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी की नई दरों की घोषणा की है। अब चार की जगह जीएसटी के दो स्लैब ही रहेंगे। सरकार का दावा है कि दाम घटेंगे तो माँग बढ़ेगी लेकिन टैक्स कम होने से सरकारी खजाने को 48,000 करोड़ रुपये का नुक़सान होगा। साथ ही राज्यों के राजस्व को भी नुक़सान होगा। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 50% टैरिफ लगाने की पृष्ठभूमि में जीएसटी सुधार के इस कदम को मीडिया मास्टर स्ट्रोक बताते हुए दावा कर रहा है कि इससे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। लेकिन आज राहत देने की बात करने वाले ही बीते आठ साल से तकलीफ़ दे रहे थे, यह बात ग़ायब है। बहरहाल, अर्थव्यवस्था की हालत को देखते हुए इस दावे पर यक़ीन करना मुश्किल है कि मात्र इस कदम से उसमें चमक लौट आएगी।