महाभारत का युद्ध ख़त्म हो गया था और पांडव सेना में हर कोई उस जीत का श्रेय लेना चाहता था। युधिष्ठिर जानते और मानते थे कि इस युद्ध की जीत सिर्फ़ वासुदेव यानी भगवान कृष्ण की वजह से हुई है। युद्ध को समझने के लिए एक ऐसे निष्पक्ष व्यक्ति की तलाश थी जिसने पूरा युद्ध देखा हो और निष्पक्ष वर्णन कर सके। राजा बर्बरीक के शीश ने वह पूरा युद्ध देखा था। वो महाबली भीम के पौत्र और घटोत्कच के बेटे थे। जब उनसे पूछा गया तो महाबली बर्बरीक ने कहा कि मुझे तो युद्ध में दुश्मन पक्ष से लड़ते सिर्फ वासुदेव ही दिखाई दिए। हर जगह वासुदेव लड़ रहे थे।