बीजेपी 2014 में मोदी लहर पर सवार होकर चुनाव लड़ी थी और इस बार सवालों के घेरे और वायदाख़िलाफ़ी के माहौल में लड़ रही है। ऐसे में चुनाव के नतीजे बिल्कुल अलग आ सकते हैं।
अब यदि कांग्रेस 1996 से 2009 तक के अपने पुराने प्रदर्शन को भी दोहरा देती है तो बीजेपी का मत औसत 23% के आसपास रहेगा। जिसका असर यह होगा कि भारतीय जनता पार्टी साल 2004 या 2009 के अपने प्रदर्शन पर पहुँच जायेगी।
गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड में बीजेपी की सरकारें हैं जहाँ सत्ता विरोधी मतों का लाभ विपक्षी दलों को मिलेगा। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की जनता ने हाल ही में बीजेपी को बाहर का रास्ता दिखाया है इसलिए इन 8 प्रदेशों में उसे बड़ा नुक़सान उठाना पड़ेगा जो उसकी सत्ता का आधार बने थे 2014 में।