भारत की अर्थव्यवस्था में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) एक ऐतिहासिक सुधार के रूप में लागू किया गया था, लेकिन इसके लागू होने के आठ साल बाद भी इसके बारे में सवाल उठते रहते हैं। हाल ही में 15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले से जीएसटी में बड़े सुधारों का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि इस बार दीवाली तक जीएसटी को और सरल व व्यापारी-अनुकूल बनाया जाएगा, जिससे छोटे व्यापारियों और आम आदमी को राहत मिलेगी। लेकिन सवाल यह है कि 2017 में लागू जीएसटी को लेकर सरकार अब तक क्यों असमंजस में है? क्या नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी इसे ‘गब्बर सिंह टैक्स’ कहते रहे हैं। उनका आरोप है कि जीएसटी ने छोटे व्यापारियों की कमर तोड़ दी। लेकिन सरकार ने इन आपत्तियों पर ध्यान देने में आठ साल लगा दिया।
जीएसटी की दिक़्क़तें समझने में सरकार को लग गये आठ साल!
- विश्लेषण
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- 16 Aug, 2025

GST लागू हुए आठ साल हो गए, लेकिन अब जाकर सरकार को इसकी ज़मीनी दिक्क़तें समझ में आ रही हैं। टैक्स व्यवस्था, व्यापारियों की परेशानी और नीति निर्माण की धीमी गति पर उठते सवाल। जानिए पूरा विश्लेषण।
लाल क़िले से भाषण देते हुए पीएम मोदी ने दावा किया कि अब जीएसटी को और बेहतर करने के लिए एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी, जो टैक्स स्लैब्स को कम करने और नियमों को सरल बनाने पर काम करेगी। पीएम ने वादा किया कि दीवाली तक ये सुधार लागू हो जायेंगे जिससे छोटे व्यापारियों और उद्योगों को राहत मिलेगी, और आम आदमी को सस्ता सामान उपलब्ध होगा।