भारत की राजनीति में यह महारत भारतीय जनता पार्टी को ही हासिल है कि वह जिस राज्य में जब चाहे, वहां की किसी भी स्थानीय पार्टी या नेता का राजनीतिक इस्तेमाल कर सकती है। जैसे बिहार विधानसभा के चुनाव में चिराग पासवान और उनकी लोक जनशक्ति पार्टी का किया था।
चिराग की वजह से ही बिहार में नीतीश कुमार का जनता दल (यू) तीसरे नंबर पर पहुंच गया। बीजेपी अब वहां सबसे बड़ी पार्टी हो गई है और अपना मुख्यमंत्री बनाने का सपना देख रही है।

महाराष्ट्र में चल रहे अजान, हनुमान चालीसा विवाद के बीच यह सवाल उठ रहा है कि क्या राज ठाकरे बीजेपी के इशारे पर यह सब कर रहे हैं? और अगर हां तो क्या बीजेपी को इससे कोई फायदा होगा?
इसी तरह उत्तर प्रदेश में हाल के विधानसभा चुनाव में उसने मायावती और उनकी बहुजन समाज पार्टी का इस्तेमाल किया। विभिन्न राज्यों में असदउद्दीन ओवैसी और उनकी पार्टी का इस्तेमाल करने का आरोप तो बीजेपी पर लगता ही रहता है। फिलहाल वह महाराष्ट्र में राज ठाकरे का इस्तेमाल कर रही है।