राजनीति भी अजीब होती है। कब किसको किसमें गुण दिख जाए और कब कौन किसको गाली देने लग जाए, पता ही नहीं चलता! जिस शरद पवार ने दो-दो बार कांग्रेस छोड़ी और एक समय वह कांग्रेस के ख़िलाफ़ बोलते नहीं थकते थे, अब वही शरद पवार नेहरू-गाँधी परिवार की तारीफ़ में क़सीदे पढ़ रहे हैं।