राजनीति भी अजीब होती है। कब किसको किसमें गुण दिख जाए और कब कौन किसको गाली देने लग जाए, पता ही नहीं चलता! जिस शरद पवार ने दो-दो बार कांग्रेस छोड़ी और एक समय वह कांग्रेस के ख़िलाफ़ बोलते नहीं थकते थे, अब वही शरद पवार नेहरू-गाँधी परिवार की तारीफ़ में क़सीदे पढ़ रहे हैं।

कभी सोनिया गाँधी के विदेशी मूल को बड़ा मुद्दा बना कर कांग्रेस छोड़ने वाले शरद पवार इन दिनों सोनिया और राहुल की तारीफ़ करते हैं और नरेंद्र मोदी को खरी-खोटी सुनाते हैं।
पवार ने सोनिया गाँधी के विदेशी मूल के मुद्दे को बड़ा मुद्दा बनाया था और कांग्रेस से नाता तोड़कर 1999 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी बनायी थी, अब वह उन्हीं सोनिया-राहुल के बारे में कहते हैं कि ये दोनों नेता देश की सेवा में लगे हैं और नरेंद्र मोदी को ख़ूब खरी-खोटी सुनाते हैं।
पत्रकारिता में एक लंबी पारी और राजनीति में 20-20 खेलने के बाद आशुतोष पिछले दिनों पत्रकारिता में लौट आए हैं। समाचार पत्रों में लिखी उनकी टिप्पणियाँ 'मुखौटे का राजधर्म' नामक संग्रह से प्रकाशित हो चुका है। उनकी अन्य प्रकाशित पुस्तकों में अन्ना आंदोलन पर भी लिखी एक किताब भी है।