चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं कि उसने डुप्लीकेट वोटरों की पहचान करने वाले सॉफ्टवेयर का उपयोग क्यों नहीं किया। क्या यह लापरवाही थी या किसी दबाव का नतीजा? चुनावी पारदर्शिता पर उठ रहे इन सवालों की पूरी पड़ताल।