प्रधानमंत्री मोदी, बीजेपी और संघ परिवार — जिन्होंने कभी जाति जनगणना का तीखा विरोध किया और इसे हिंदू एकता के लिए खतरा बताया — अब इसे स्वीकार कर रहे हैं। वर्षों तक, राहुल गांधी और विपक्ष ने जाति जनगणना की मांग की, जबकि सत्तारूढ़ पक्ष से तीखे हमलों का सामना करना पड़ा। तो, वास्तव में क्या बदल गया?