पाकिस्तान पर अमेरिका की मेहरबानी एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मित्रता के बावजूद, अमेरिका भारत की चिंताओं को अनदेखा करता दिख रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपनी सैन्य ताक़त का लोहा मनवाया लेकिन पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से अरबों डॉलर की मदद, संयुक्त राष्ट्र में अहम ज़िम्मेदारियाँ, और अमेरिकी आर्मी डे में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष का निमंत्रण बताता है कि दुनिया भारत की इस बात को गंभीरता से नहीं ले रही है कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। इसका सबसे बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दोहरा रवैया है।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान पर मेहरबान क्यों है दुनिया?
- विश्लेषण
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- 12 Jun, 2025

ऑपरेशन सिंदूर में आतंकियों के सफाए के बाद भी पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर राहत क्यों मिल रही है? क्या रणनीतिक हित पाकिस्तान के प्रति नरम रुख का कारण हैं? जानिए इस जटिल कूटनीतिक समीकरण की पूरी कहानी।
जनरल माइकल कुरिल्ला का बयान
अमेरिकी सेंट्रल कमांड के प्रमुख, जनरल माइकल कुरिल्ला ने 11 जून 2025 को अमेरिकी सशस्त्र सेवा समिति में कहा, "पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अभूतपूर्व साझेदार रहा है। लेकिन अमेरिका को भारत और पाकिस्तान, दोनों के साथ रणनीतिक संबंध बनाए रखने चाहिए।"