पाकिस्तान पर अमेरिका की मेहरबानी एक बार फिर सुर्खियों में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मित्रता के बावजूद, अमेरिका भारत की चिंताओं को अनदेखा करता दिख रहा है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत ने आतंकवाद के ख़िलाफ़ अपनी सैन्य ताक़त का लोहा मनवाया लेकिन पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों से अरबों डॉलर की मदद, संयुक्त राष्ट्र में अहम ज़िम्मेदारियाँ, और अमेरिकी आर्मी डे में पाकिस्तानी सेनाध्यक्ष का निमंत्रण बताता है कि दुनिया भारत की इस बात को गंभीरता से नहीं ले रही है कि पाकिस्तान एक आतंकी देश है। इसका सबसे बड़ा कारण अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दोहरा रवैया है।