loader

असम: बीजेपी-सहयोगियों के बीच सीटों का बंटवारा तय, आज होगा एलान

असम विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी और उसके सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे पर सहमति बन गयी है। गुरूवार को बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की कई घंटों तक चली बैठक में असम में सीट बंटवारे को अंतिम रूप दिया गया। 126 सीटों वाले असम में तीन चरणों- 47 सीटों पर 27 मार्च को, 39 सीटों पर 1 अप्रैल को और 40 सीटों पर 6 अप्रैल को मतदान होगा। 

सूत्रों के मुताबिक़, बीजेपी 92 सीटों पर जबकि असम गण परिषद (एजीपी) 26 सीटों पर और यूनाइटेड पीपल्स पार्टी लिबरल (यूपीपीएल) 8 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बीजेपी ने 84 उम्मीदवारों के नाम फ़ाइनल कर लिए हैं और आज इसका एलान किए जाने की संभावना है। कांग्रेस की ओर से बने महागठबंधन में भी सीट बंटवारे को लेकर बातचीत जारी है। 

ताज़ा ख़बरें
2016 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी को 60 सीटें मिली थीं जबकि 2011 में यह आंकड़ा 5 था। एजीपी ने तब 14 सीटें जीती थीं। तब बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट (बीपीएफ़) बीजेपी के साथ थी और उसने 12 सीटें जीती थी। इस बार चुनाव से पहले बीपीएफ ने बीजेपी का साथ छोड़ दिया है और वह कांग्रेस के साथ आ गयी है। बीपीएफ़ प्रमुख हगरामा मोहिलारी ने कहा है कि बीजेपी उनके बिना चुनाव नहीं जीत सकती और वे बीजेपी को असम से बाहर करेंगे। 
असम चुनाव पर देखिए चर्चा- 

असम में कांग्रेस, बीपीएफ़, ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ़), सीपीआई, सीपीआई (एम), सीपीआई (एमएल) और आंचलिक गण मोर्चा के साथ मिलकर चुनाव मैदान में उतरेगी। पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सिर्फ 26 सीटें मिली थीं। इससे पहले लगातार 15 साल तक असम में उसकी सरकार रही थी। पूर्व मुख्यमंत्री तरूण गोगोई की कमी पार्टी को ज़रूर खलेगी। गोगोई का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था। 

इसके अलावा ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) और असम जातीयतावादी युवा छात्र परिषद (एजेवाईसीपी) ने नए स्थानीय राजनीतिक दल के गठन की घोषणा की है। इस दल का नाम असम जातीय परिषद (एजेपी) रखा गया है और यह भी चुनाव में ताल ठोकेगा। एजेपी और राइजर दल (आरडी) ने सत्तारूढ़ बीजेपी और कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन को चुनौती देने के लिए अपने गठबंधन में और अधिक दलों को शामिल करने की योजना बनाई है। 

असम से और ख़बरें

अजमल होंगे किंगमेकर? 

एआईयूडीएफ़ के प्रमुख बदरूद्दीन अजमल की मुसलमानों पर मजबूत पकड़ है और मुसलमानों के 34 फ़ीसदी वोटों पर लगभग उनका ही कब्जा है। 2005 में बनी उनकी पार्टी एआईयूडीएफ़ ने बहुत तेजी से राज्य में अपना आधार मजबूत किया है। एआईयूडीएफ़ ने 2006 में हुए असम विधानसभा चुनाव में पहली बार लड़ते हुए 10, 2011 में 18 और 2016 में 13 सीटें जीती थीं। 

कांग्रेस और एआईयूडीएफ ने पिछले चुनाव में गठबंधन नहीं किया था। अब जब वे एक साथ लड़ेंगे तो इससे बीजेपी-विरोधी वोटों के विभाजन के रुकने की संभावना है।

सीएए-एनआरसी का असर

नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी के ख़िलाफ़ हुए आंदोलनों का कितना असर चुनाव में पड़ेगा, यह देखना भी दिलचस्प होगा। कांग्रेस ने कहा है कि बीजेपी बंगाल में सीएए की बात कर रही है लेकिन असम में इस पर वह मुंह तक नहीं खोल रही है। सीएए के ख़िलाफ़ असम में जोरदार आंदोलन हुए थे और बीजेपी नेताओं को जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा था। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

असम से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें