असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने मंगलवार को विधानसभा में एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उन्होंने लोकप्रिय गायक-कलाकार जुबीन गर्ग की सिंगापुर में हुई मौत को हत्या क़रार दिया। सरमा ने साफ़ कहा कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि सुनियोजित क़त्ल था। उन्होंने कहा, 'पहले दिन से ही यह हत्या का मामला था। आरोपी श्यामकानू महंता, सिद्धार्थ शर्मा, अमृतप्रवा महंता और शेखर ज्योति गोस्वामी हत्या के मामले में जेल में बंद हैं।'

मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमारी भावनाएं जुबीन के साथ हैं। यही कारण है कि हम जुबीन गर्ग की हत्या की जाँच कर रहे हैं।' जुबीन गर्ग की मौत इस साल 19 सितंबर को सिंगापुर में समुद्र में तैरते समय हुई थी। वे नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल में भाग लेने गए थे।

विधानसभा में क्यों उठा मामला?

असम विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान विपक्ष के एक स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान सरमा ने यह बयान दिया। स्पीकर ने मुख्यमंत्री के अनुरोध पर इस प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। विपक्ष ने जुबीन की मौत की परिस्थितियों पर सवाल उठाए थे, जिसके जवाब में सरमा ने कहा, 'प्रारंभिक जाँच के बाद असम पुलिस को यकीन हो गया था कि यह केवल लापरवाही से मौत का मामला नहीं है, बल्कि साफ़-साफ़ हत्या है।' उन्होंने जोड़ा कि मौत के तीन दिनों के अंदर ही भारतीय न्याय संहिता की धारा 103 यानी हत्या की सजा को मामले में जोड़ दिया गया था।

सरमा ने हत्या का कारण बताते हुए कहा, 'मौत के तुरंत बाद हमें लगा कि कुछ गड़बड़ है। इसलिए हमने बीएनएस की धारा 61 यानी आपराधिक षड्यंत्र, 105 यानी लापरवाही से हत्या और 106 यानी लापरवाहीपूर्ण और असावधानीपूर्ण कार्य से मौत के तहत एफ़आईार दर्ज की।' 

हिमंता ने दावा किया कि एक आरोपी ने ही जुबीन को मारा, जबकि अन्य ने उसकी मदद की। उन्होंने कहा कि चार से पांच लोग हत्या के मामले में आरोपी बनाए जा रहे हैं।

7 गिरफ्तारियाँ, 252 गवाहों से पूछताछ

इस मामले की जाँच के लिए गठित विशेष जांच दल यानी एसआईटी अपराध जांच विभाग यानी सीआईडी के तहत काम कर रहा है। एसआईटी ने अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया है। इनमें नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल यानी एनईआईएफ़ के मुख्य आयोजक श्यामकानू महंता, जुबीन के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, उनके बैंड के दो सदस्य शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रवा महंता, जुबीन के चचेरे भाई और असम पुलिस के डीएसपी संदीपन गर्ग, तथा उनके निजी सुरक्षा अधिकारी पीएसओ नंदेश्वर बोरा और प्रबीन शामिल हैं।

एसआईटी ने 252 गवाहों से पूछताछ की है और 29 सामानों को जब्त किया है। पुलिस को पीएसओ के खातों में 1.1 करोड़ रुपये से अधिक के वित्तीय लेन-देन मिले, जो संदिग्ध पाए गए। सभी आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं और हत्या, लापरवाहीपूर्ण हत्या, आपराधिक षड्यंत्र और लापरवाही से मौत जैसी धाराओं के तहत मुकदमा चल रहा है।

चार्जशीट 10 दिसंबर से पहले

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस ने शुरुआती चरण में ही इसे सीधे-सीधे हत्या माना था। उन्होंने कहा, 'इसलिए दो दिनों के अंदर सरकार ने अदालत को बताया कि यह हत्या है और धारा 103 जोड़ी जाए। सभी जमानत याचिकाएं और कार्यवाहियां इसी धारा पर आधारित हैं।'

चूंकि घटना विदेश में हुई थी, इसलिए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 208 के तहत अभियोजन एजेंसी को केंद्रीय गृह मंत्रालय से पूर्वानुमति लेनी पड़ती है। इसके बिना अदालत मामले को संज्ञान में नहीं ले सकती। सरमा ने कहा, 'आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इसकी मंजूरी दे दी है। इससे हम समय पर चार्जशीट दाखिल कर सकेंगे। हम जांच को 10-15 दिनों में पूरा करेंगे और 10 दिसंबर से पहले चार्जशीट अदालत में पेश कर देंगे।'

पहले सरमा ने 8 दिसंबर का लक्ष्य रखा था, लेकिन अब 10 दिसंबर से पहले चार्जशीट दाखिल होने की बात कही है। उन्होंने कहा कि चार्जशीट ‘लीक-प्रूफ’ होगी और हत्या के पीछे का मक़सद पूरे राज्य को झकझोर देगा।
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जुबीन गर्ग: असम की सांस्कृतिक धरोहर

जुबीन गर्ग असम के सबसे लोकप्रिय गायक, संगीतकार और अभिनेता थे। उनकी मौत के बाद पूरे राज्य में शोक की लहर दौड़ गई थी। असम में 60 से अधिक एफ़आईआर दर्ज हुईं और लाखों प्रशंसकों ने न्याय की मांग की। जुबीन एनईआईएफ़ में परफॉर्म करने सिंगापुर गए थे, जहां यॉट ट्रिप के दौरान समुद्र में तैरते समय उनकी मौत हो गई। शुरुआत में इसे लापरवाही या दुर्घटना माना गया, लेकिन जाँच में हत्या का राज खुला।

विपक्ष ने सरकार पर देरी का आरोप लगाया, लेकिन सरमा ने इसे खारिज करते हुए कहा कि जांच पारदर्शी है। एसआईटी की रिपोर्ट आने के बाद ही हत्या का पूरा राज खुल पाएगा। चार्जशीट दाखिल होने के बाद अदालत में सुनवाई तेज होने के आसार हैं।