अयोध्या विवाद में हिंदू पक्ष का मुख्य दावा यह था कि बाबरी मसजिद वहाँ पहले से मौजूद राम जन्मस्थान मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। उनका यह भी दावा था कि जहाँ मसजिद का मुख्य गुंबद था, उसके नीचे ही राम ने जन्म लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू उस मसजिद के अंदर जाते थे और पूजा करते थे।
अयोध्या: 1886 तक मसजिद के बाहर वाला चबूतरा ही जन्मस्थान माना जाता था
- अयोध्या विवाद
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- 15 Jan, 2024


1885 के एक मुक़दमे में वादी महंत रघुबर दास ने माँग की थी कि मसजिद के बाहर बाईं तरफ़ जो राम चबूतरा है, वही भगवान राम का जन्मस्थान है और वहाँ उनको मंदिर बनाने की इजाज़त दी जाए। अलग-अलग जजों ने 1885-86 में अपने फ़ैसलों में इसी बात को दोहराया है जिससे लगता है कि हिंदू 1886 तक चबूतरे को ही जन्मस्थान मानते थे। आगे जाकर राम जन्मस्थान खिसककर मसजिद के भीतर कब और क्यों आ गया, यह आज भी रहस्य बना हुआ है
नीरेंद्र नागर सत्यहिंदी.कॉम के पूर्व संपादक हैं। इससे पहले वे नवभारतटाइम्स.कॉम में संपादक और आज तक टीवी चैनल में सीनियर प्रड्यूसर रह चुके हैं। 35 साल से पत्रकारिता के पेशे से जुड़े नीरेंद्र लेखन को इसका ज़रूरी हिस्सा मानते हैं। वे देश
























