बिहार विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की आंतरिक कलह ने एक ऐसी स्थिति पैदा कर दी है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को अपनी ही पार्टी के चिन्ह पर चुनाव लड़ रहे उम्मीदवार के खिलाफ प्रचार करना पड़ेगा। दरभंगा जिले की गौड़ाबौराम विधानसभा सीट पर ऐसी लड़ाई की स्थिति महागठबंधन के सीट बँटवारे की उलझनों के कारण बनी। पहले आरजेडी ने अपने उम्मीदवार को टिकट दिया, लेकिन बाद में समझौते के तहत मुकेश सहनी के हिस्से ये सीट आ गई। अब आरजेडी उम्मीदवार भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
बिहार चुनाव: एक सीट पर ऐसी नौबत कि तेजस्वी आरजेडी प्रत्याशी के ख़िलाफ़ ही करेंगे प्रचार
- बिहार
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- 21 Oct, 2025
बिहार विधानसभा चुनाव में एक सीट पर अजीब स्थिति बन गई है- जहां आरजेडी नेता तेजस्वी यादव खुद अपनी पार्टी के प्रत्याशी के ख़िलाफ़ प्रचार करने जा रहे हैं। आखिर क्या है इस अंदरूनी मतभेद की वजह?

तेजस्वी
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर सहमति बनाने में देरी हुई। इससे पहले, आरजेडी ने गौड़ाबौराम से अपने वरिष्ठ नेता अफजल अली खान को टिकट दे दिया था। पार्टी ने उन्हें आधिकारिक दस्तावेज और लालटेन चिन्ह सौंप दिया। खुशी से चहकते अफजल ने अपने क्षेत्र पहुंचकर प्रचार शुरू करने की तैयारी कर ली। लेकिन इसी दौरान, आरजेडी और मुकेश सहनी की वीआईपी के बीच अंतिम समझौता हो गया। गौड़ाबौराम वीआईपी को मिल गई, और महागठबंधन के सभी साझेदारों को उसके उम्मीदवार संतोष सहनी का समर्थन करने का निर्देश दिया गया। संतोष मुकेश सहनी के छोटे भाई हैं।