11 नवंबर 2025 को पटना में एक राजनीतिक घटनाक्रम हुआ। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के दौरान सुबह-सुबह अचानक केंद्रीय मंत्री और जेडीयू के वरिष्ठ नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह के पटना स्थित आवास पर मुलाकात की। इस बैठक को “गुप्त” या “अचानक” बताया गया। यानी पहले से इसकी सूचना किसी के पास नहीं थी। ललन सिंह के घर जाने वालों में नीतीश के साथ  जेडीयू के अन्य प्रमुख नेता विजय चौधरी, अशोक चौधरी और दीपक कुमार भी थे।
पीटीआई और आईएएनएस ने नीतीश कुमार के ललन सिंह के घर आते-जाते वीडियो शेयर किए, जिससे तुरंत अटकलें लगने लगीं। यह मुलाकात 20 जिलों की 122 सीटों पर चल रहे मतदान के बीच हुई। चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। 

बैठक के पीछे क्या है? 

इस मुलाकात के बाद कोई आधिकारिक बयान तो नहीं आया, लेकिन सूत्रों के अनुसार मुख्य वजह चुनावी रणनीति है। जेडीयू अध्यक्ष और एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरा नीतीश कुमार पल-पल की मतदान स्थिति, बूथ स्तर की समस्याओं और कमजोर सीटों पर फीडबैक ले रहे थे। ललन सिंह, जो केंद्रीय पंचायती राज, मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री हैं, नीतीश के भरोसेमंद साथी और एनडीए के प्रमुख प्रचारक रहे हैं। लेकिन इधर दोनों के बीच दूरी भी दिखाई दी। ललन सिंह ने हाल ही में बयान दिया था कि बिहार के अगले सीएम का चुनाव विधायक करेंगे। इसी तरह का बयान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिया था। लेकिन बाद में बीजेपी अपने स्टैंड से पीछे हट गई और उसने दो दिन पहले कहना शुरू किया कि नीतीश ही एनडीए का सीएम चेहरा हैं।

जेडीयू में हलचल 

नीतीश ललन सिंह की मुलाकात के बाद मुख्यमंत्री जेडीयू दफ्तर भी पहुंचे। जेडीयू के सूत्र कह रहे हैं कि दोनों नेताओं के बीच अंदरूनी कलह की कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन ललन सिंह के बयान को नीतीश खेमा ज़रूर गौर से देख रहा है। हालांकि दोनों नेताओं के बीच 2022 में जब जेडीयू एनडीए से बाहर आई थी तो उसका जिम्मेदार ललन सिंह को ही ठहराया गया था। नीतीश ने इसके बाद ललन का बतौर जेडीयू अध्यक्ष इस्तीफा ले लिया गया। इसके बाद दोनों नेता एकजुटता दिखाते रहे। 
जेडीयू की ओर से “बड़ा फैसला” या चुनाव बाद नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें खारिज की गई हैं। एनडीए नेताओं का कहना है कि नीतीश के नेतृत्व में ही तीसरा कार्यकाल लड़ रहे हैं। इस बीच वायरल कटे-छंटे वीडियो, जिसमें ललन कथित तौर पर कह रहे हैं कि नीतीश सीएम उम्मीदवार नहीं हैं, को फैक्ट-चेक में झूठा पाया गया।
बहरहाल, बिहार में अंतिम दौर का मतदान जारी है। एनडीए (जेडीयू)+बीजेपी+हम+अन्य) और महागठबंधन के बीच कांटे की टक्कर है। नीतीश का “विकास मॉडल” बनाम विपक्ष के नौकरी और जातीय जनगणना के वादे मुख्य मुद्दे हैं। अभी तक यह बैठक मतदान के दिन की सामान्य संकट प्रबंधन लगती है, न कि किसी उलटफेर की पूर्व सूचना। लेकिन ये तूफान से आने के पहले की बात कही जा रही है।