Bihar BJP RJD Congress Politics: बिहार में सियासी हलचल तेज हो गई। पीएम मोदी की गया रैली में आरजेडी के दो विधायक पहुंचे। रैली में पीएम मोदी ने ताजा विवादित बिल के संदर्भ में हमला बोला। इस समय वहां नेता विपक्ष राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा जारी है।
पीएम मोदी शुक्रवार को गया रैली में
बिहार के गया जिले में शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जनसभा ने राजनीतिक हलचल तेज कर दी है। इस रैली में आरजेडी के दो विधायकों, नवादा से विधायक विभा देवी और रजौली से विधायक प्रकाश वीर, मंच पर पीएम मोदी के साथ नजर आए। इस घटना ने आगामी विधानसभा चुनावों से पहले दल-बदल की अटकलों को हवा दे दी है। इस बीच इस रैली में पीएम मोदी का भाषण भी चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें उन्होंने विवादित पीएम सीएम बिल को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जेल से बैठकर अब कोई सरकार नहीं चला सकता।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस रैली में लगभग 13,000 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने आरजेडी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा और उनकी "तुष्टिकरण की राजनीति" की आलोचना की। मंच पर आरजेडी विधायकों की मौजूदगी ने सियासी गलियारों में चर्चा का बाजार गर्म कर दिया है। विभा देवी, जो नवादा से विधायक हैं और पूर्व आरजेडी विधायक राज बल्लभ यादव की पत्नी हैं, मंच पर थीं। हाल ही में अपने पति के POCSO मामले में पटना हाई कोर्ट से बरी होने के बाद विभा देवी चर्चा में हैं। वहीं, प्रकाश वीर, जो रजौली से दूसरी बार विधायक हैं, भी पार्टी नेतृत्व, विशेषकर तेजस्वी यादव के साथ तनावपूर्ण रिश्तों के लिए जाने जाते हैं। ये दोनों पीएम मोदी का स्वागत करने पहुंचे।
बीजेपी ने दी सफाई, कहाः सभी को निमंत्रण था
इस घटना पर बीजेपी सांसद विवेक ठाकुर ने स्पष्ट किया कि यह कोई सियासी दलबदल का संकेत नहीं है। उन्होंने कहा, "इस आयोजन में सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया था, चाहे उनकी पार्टी कोई भी हो। कई विभाग शामिल थे और कई परियोजनाओं का उद्घाटन हुआ। इसलिए सभी विधायकों, सांसदों और एमएलसी को निमंत्रण दिया गया था। कुछ लोग आए, कुछ नहीं आए।" ठाकुर ने यह भी कहा कि विपक्षी दलों के कई नेता, जिनमें जहानाबाद के आरजेडी सांसद और सीपीएम के सदस्य भी शामिल थे, इस आयोजन में मौजूद थे।
आरजेडी के लिए असमंजस की स्थिति
मंच पर आरजेडी विधायकों की मौजूदगी ने विपक्षी दल को असहज स्थिति में ला दिया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार, दोनों विधायक पहले से ही आरजेडी की गतिविधियों से दूरी बनाए हुए थे। हाल ही में वोटर अधिकार यात्रा के दौरान विभा देवी के खिलाफ स्थानीय लोगों ने शिकायत भी की थी, और पार्टी उनका टिकट काटने की तैयारी में थी। आरजेडी ने बयान जारी कर कहा कि यह कोई नया घटनाक्रम नहीं है, क्योंकि दोनों विधायक पहले से ही पार्टी लाइन से हटकर चल रहे थे।
सियासी अटकलें और भविष्य की संभावनाएं
इस घटना ने बिहार की राजनीति में एक नए समीकरण की शुरुआत की संभावना को जन्म दिया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह आरजेडी के भीतर बढ़ती असंतुष्टि और संभावित बगावत का संकेत हो सकता है। अगर ये विधायक औपचारिक रूप से एनडीए में शामिल होते हैं, तो यह आरजेडी और इसके नेता तेजस्वी यादव के लिए बड़ा झटका होगा। वहीं, एनडीए समर्थकों में इस घटना से उत्साह है, और वे इसे विपक्ष की कमजोरी के रूप में देख रहे हैं।
पीएम मोदी ने विवादित विधेयक की आड़ में विपक्ष पर किया हमला
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कांग्रेस और अन्य दलों पर निशाना साधा, जो तीन विवादित विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। इन विधेयकों में लगातार 30 दिनों तक नज़रबंद रहने वाले किसी भी प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्री को हटाने का प्रावधान है। उन्होंने पूछा कि महत्वपूर्ण पदों पर बैठे लोगों को जेल से सरकार चलाने की अनुमति क्यों दी जानी चाहिए। उन्होंने इस हफ़्ते की शुरुआत में संसद में राजनीतिक तूफ़ान खड़ा करने वाले तीन विवादास्पद विधेयकों पर अपनी पहली टिप्पणी में कहा, "अगर किसी सरकारी कर्मचारी को 50 घंटे की जेल होती है, तो उसकी नौकरी अपने आप चली जाती है, चाहे वह ड्राइवर हो, क्लर्क हो या चपरासी। लेकिन क्या किसी मुख्यमंत्री, मंत्री या यहाँ तक कि प्रधानमंत्री को जेल में रहते हुए भी सरकार में बने रहना चाहिए?"गुरुवार को विपक्ष ने विधेयक के मसौदे की प्रतियां फाड़ दीं और लोकसभा में जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विपक्ष का कहना था कि ये विधेयक संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन करते हैं। इसमें बिना 'दोषी साबित हुए ही जेल भेजने का प्रावधान है। विपक्ष को आशंका है कि राजनीतिक कारणों से इनका दुरुपयोग किया जा सकता है। ये बिल देश को पुलिस राज्य में बदलने का खतरा पैदा करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "कुछ समय पहले, हमने देखा कि कैसे जेल से फाइलों पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे और कैसे जेल से सरकारी आदेश दिए जा रहे थे। अगर नेताओं का यही रवैया रहेगा, तो हम भ्रष्टाचार से कैसे लड़ सकते हैं।" उनका इशारा आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की दिल्ली में उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान शराब घोटाले में हुई गिरफ्तारी की ओर था। उन्होंने कहा, "कांग्रेस और आरजेडी इन विधेयकों का विरोध कर रहे हैं। उन्हें किस बात का डर है? बिहार में हर कोई जानता है कि आरजेडी नेता हमेशा भ्रष्ट आचरण में लिप्त रहे हैं।" उन्होंने आगे कहा, "राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ कानून लेकर आई है और प्रधानमंत्री भी इसके दायरे में आते हैं।"