पिछले हफ्ते रामनवमी और उसके बाद हुई हिंसा के बाद बिहार में माहौल तो शांत होता दिख रहा है लेकिन राजनीति तेज होती जा रही है। अब तक काफ़ी हद तक मौन रहे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बुधवार को हमलावर दिखे। नीतीश कुमार ने राज्य में हुई सांप्रादायिक हिंसा के लिए अपने पूर्व सहयोगी बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है। नीतिश कुमार ने कहा कि यह यह हिंसा, अगले साल होने वाले चुनाव में मतदाताओं का धुर्वीकरण करने के लिए कराई गई थी।

नीतिश कुमार ने सरकार और प्रशासन का बचाव करते हुए कहा कि हिंसा रोकने में किसी भी प्रकार की प्रशासनिक ढिलाई नहीं बरती गई थी। दंगे जानबूझकर कराये गए और इनके पीछे किन लोगों का हाथ है जल्द ही पता चल जाएगा। इसके लिए घर-घर तलाशी ली जा रही है। यह सब सरकार चला रहे और उसके एजेंट की साजिश है। बिहार की राजनीति में माना जा रहा कि नीतीश का इशारा शासक के तौर पर बीजेपी की ओर है और एजेंट के तौर असदुद्दीन ओवैसी उनके निशाने पर हैं।