पिछले बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार की पार्टी को जब कथित तौर पर कमजोर करने की कोशिश की जा रही था तो लोक जनशक्ति पार्टी यानी एलजेपी में भी दरारें पड़ रही थीं। चुनाव के कुछ समय बाद जिस एलजेपी में चाचा और भतीजे दो अलग-अलग खेमे हो गए थे, उनको अब बीजेपी एक करना चाहती है। लेकिन क्या एलजेपी के दोनों खेमे विलय के लिए तैयार होंगे?
बिहार एलजेपी: चाचा-भतीजे को एक क्यों कराना चाहती है बीजेपी?
- बिहार
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 - 17 Jul, 2023

 
बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के दोनों खेमे क्या एक हो सकते हैं? आख़िर दोनों खेमों का विलय कराने की कोशिश में बीजेपी क्यों जुटी हुई है?

इस सवाल के जवाब से पहले यह जान लें कि एलजेपी में विभाजन किस वजह से हुआ था। कहा जाता है कि दिवंगत राम विलास पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी के विभाजन ने एक बार नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड को कमजोर करने और भाजपा को बढ़त दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। लेकिन यही विभाजन अब भाजपा के लिए सिरदर्द साबित हो रहा है। बीजेपी चाहती है कि पासवान वोटों में बिखराव को रोकने के लिए दोनों गुट एक छतरी के नीचे आएँ, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा है।























