loader

कोरोना: डॉक्टर्स ने कहा - न मास्क-न सैनिटाइजर, जान जोख़िम में, कैसे करें काम?

कोरोना जैसी जानलेवा वैश्विक महामारी से लड़ने में जुटे डॉक्टर्स बेहद ख़राब स्थितियों में काम कर रहे हैं। दिल्ली के एम्स सहित कई अस्पतालों से ऐसी ख़बरें सामने आई हैं कि डॉक्टर्स के पास ज़रूरी एन-95 मास्क तक नहीं हैं। बिहार के भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स ने बिहार सरकार को पत्र लिखकर उन्हें पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विमेंट (पीपीई), दस्ताने, सैनिटाइजर, साधारण और एन-95 मास्क उपलब्ध करवाने की मांग की है। डॉक्टर्स ने पत्र में कहा है कि जब यह सामान उपलब्ध हो जाये तो उन्हें सूचित कर दिया जाए, वरना वे लोग अपनी जान जोख़िम में डालकर काम नहीं कर सकते। 

ताज़ा ख़बरें

‘सहानुभूति की ज़रूरत नहीं’

बिहार से ही डॉक्टर्स ने एक वीडियो जारी कर अपने हालात को बयां किया है। इस वीडियो में लेडी डॉक्टर्स कहती हैं कि वे इमरजेंसी ड्यूटी में काम कर रही हैं और उन्हें पीपीई किट तक नहीं दी गई है। डॉक्टर्स ने कहा कि उनके पास दस्ताने, सैनिटाइजर, हैंड वाश, साधारण और एन-95 मास्क तक नहीं हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में इस वायरस के संक्रमण का ख़तरा है और वे इस तरह यह लड़ाई नहीं लड़ सकतीं। 

डॉक्टर्स ने वीडियो में कहा है कि उन्हें किसी तरह की ताली-थाली या सहानुभूति की ज़रूरत नहीं है। ग़ौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर कोरोना के ख़िलाफ़ युद्ध लड़ रहे लोगों के लिये आम जनता ने ताली-थाली और घंटे-शंख आदि बजाये थे। 

अब आप अंदाजा लगाइये कि ऐसे हालात में डॉक्टर्स किस तरह काम करेंगे और कैसे आप उनसे उम्मीद करेंगे कि वे लोग इस ख़तरनाक वायरस के संक्रमण के दौरान अपने काम में जुटे रहें। वे लोग काम करने से पीछे नहीं हट रहे हैं लेकिन उन्हें ज़रूरी चीजें तो उपलब्ध कराई जायें। 

बिहार से और ख़बरें

डॉक्टर्स कह रहे हैं कि उनके लिये ताली या थाली बजाने की कोई ज़रूरत नहीं है। ऐसे में बिहार और केंद्र सरकार को बिना समय गंवाये उनकी इस मांग को पूरा करना चाहिए क्योंकि अगर डॉक्टर्स ने इस लड़ाई को लड़ना छोड़ दिया तो हालात बेहद ख़राब होने से इनकार नहीं किया जा सकता। 

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें