बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक मुस्लिम महिला आयुष डॉक्टर का नकाब (हिजाब) खींचने की घटना ने राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। यह विवाद अब और बढ़ गया है जब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार का बचाव करते हुए विवादित बयान दिया कि महिला डॉक्टर नौकरी छोड़ दें या "जहन्नुम में जाएं"। विपक्षी दलों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अंतरराष्ट्रीय संगठनों से नीतीश कुमार से बिना शर्त माफी की मांग तेज हो गई है।

घटना की शुरुआत 18 दिसंबर को पटना में मुख्यमंत्री सचिवालय में आयोजित एक कार्यक्रम से हुई, जहां नीतीश कुमार नव नियुक्त आयुष डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे। एक मुस्लिम महिला डॉक्टर नुसरत परवीन जब मंच पर नियुक्ति पत्र लेने आईं, तो उन्होंने नकाब पहना हुआ था। नीतीश कुमार ने नकाब की ओर इशारा करते हुए "यह क्या है?" कहा और खुद इसे नीचे खींच दिया। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद मुस्लिम परंपराओं का अनादर करने और महिलाओं की गरिमा पर हमला करने के आरोप लगे।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने नीतीश कुमार का पुरजोर बचाव किया। उन्होंने कहा, "नीतीश कुमार ने कुछ गलत नहीं किया। नियुक्ति पत्र लेने के लिए चेहरा दिखाना जरूरी है। क्या यह कोई इस्लामिक देश है? नीतीश जी ने अभिभावक की तरह व्यवहार किया।" जब उनसे पूछा गया कि यदि महिला ने नौकरी ठुकरा दी तो क्या, तो गिरिराज ने कहा, "वह नौकरी मना करे या जहन्नुम में जाए, यह उसकी मर्जी है।" इस बयान पर तीखी प्रतिक्रियाएं आईं। पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने कहा, "इस आदमी के गंदे मुंह को साफ करने के लिए सिर्फ फिनाइल काम करेगा। मुस्लिम मां-बहनों के हिजाब और नकाब को छूने की हिम्मत मत करना।"

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कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने कहा, "ये तीसरे दर्जे के लोग हैं, सस्ती मानसिकता वाले। देश धर्मनिरपेक्ष है, हर कोई अपनी धार्मिक स्वतंत्रता का हकदार है। नीतीश की हरकत शर्मनाक है।" एनसीपी (एसपी) सांसद फौजिया खान ने इसे "महिला को निर्वस्त्र करने जैसा" बताया और सार्वजनिक माफी की मांग की। जावेद अख्तर ने कहा, "मैं पर्दा प्रथा का विरोधी हूं, लेकिन नीतीश कुमार ने जो किया, वह अस्वीकार्य है। उन्हें महिला से बिना शर्त माफी मांगनी चाहिए।" एमनेस्टी इंटरनेशनल ने इसे महिला की गरिमा, स्वायत्तता और पहचान पर हमला करार दिया।

एनडीए के कुछ नेताओं ने नीतीश का बचाव किया। बिहार स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि एनडीए ने हमेशा महिलाओं का सम्मान किया है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने इसे "मुस्लिम बेटी के प्रति प्यार" बताया।

पाकिस्तान के गैंगस्टर की नीतीश को धमकी

पाकिस्तान के एक गैंगस्टर शहजाद भट्टी ने इस घटना के लिए मुख्यमंत्री से माफी मांगने की मांग की है। इंस्टाग्राम पर प्रसारित एक वीडियो संदेश में शहजाद ने सवाल उठाया है कि सत्ता में बैठा व्यक्ति सार्वजनिक समारोह में एक मुस्लिम महिला के साथ इस तरह का व्यवहार कैसे कर सकता है। शहजाद ने कहा, "नीतीश कुमार को अपने कृत्य के लिए तुरंत माफी मांगनी चाहिए।" उन्होंने आगे कहा कि अगर दोषी के साथ कुछ भी अप्रिय होता है तो इसके लिए उन्हें दोषी नहीं ठहराया जाना चाहिए। इस वीडियो संदेश को मुख्यमंत्री के लिए कथित धमकी के रूप में देखा जा रहा है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत का मूल निवासी शहजाद सोशल मीडिया पर कथित तौर पर भारत विरोधी अभियानों में शामिल रहा है। पटना पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है। पुलिस मेटा कंपनी को नोटिस भेजने जा रही है और शहजाद भट्टी का इंस्टाग्राम एकाउंट हटाने को कहेगी।
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश कुमार को सार्वजनिक रूप से अपने कार्यों के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। विधानसभा चुनावों से पहले, पटना के पाटलिपुत्र खेल परिसर में आयोजित एक समारोह में राष्ट्रगान बजने के दौरान ताली बजाने के बाद उन्होंने विवाद खड़ा कर दिया था। इस कार्रवाई की विपक्षी नेताओं ने कड़ी आलोचना की थी और मुख्यमंत्री की चिकित्सा जांच कराने की मांग की थी। हालांकि, जेडीयू ने विपक्ष की मांग को खारिज करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री हमेशा की तरह अपने कर्तव्यों निभा रहे हैं।
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यह विवाद महिलाओं की धार्मिक स्वतंत्रता, गरिमा और राजनीतिक अवसरवाद पर बड़ा सवाल उठा रहा है। विपक्ष इसे नीतीश कुमार के "आरएसएस एजेंडा" से जोड़ रहा है, जबकि सत्ताधारी दल इसे सामान्य घटना मान रहा है। देश के कई शहरों में नीतीश के खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं। नीतीश पर एफआईआर करने के लिए लखनऊ पुलिस में शिकायत दी गई है।