क्या जनता दल यूनाइटेड भी भारतीय जनता पार्टी की लाइन पर चलने की सोच रहा है? क्या उसे भी ध्रुवीकरण की राजनीति करनी है और एक संप्रदाय के लोगों को निशाने पर लेकर ख़ुद को दूसरे संप्रदाय का  हितैषी दिखने की कोशिश करनी है? इन सवालों का जवाब तो वह पार्टी ही दे सकती है, पर हाल के उसके बयान से लोगों का चौंकना स्वाभाविक है।