loader

प्रदर्शनकारी छात्रों से खान सर ने क्यों कहा- बिहार बंद में शामिल न हों?

वही ख़ान सर कल तक छात्रों को प्रदर्शन करने और सरकार से उनकी मांगें मनवाने के लिए ब्लू प्रिंट समझा रहे थे और अब आख़िर उन्हें बिहार बंद में शामिल से रोक क्यों रहे हैं? वह आख़िर छात्रों से ऐसी अपील क्यों कर रहे हैं?

छात्रों का प्रदर्शन शुरू होने के समय का ही ख़ान सर का एक वीडियो है जिसमें वह आरआरबी एनटीपीसी सीबीटी-1 परीक्षा परिणाम का विश्लेषण करते हैं। इसमें खान सर आरआरबी एनटीपीसी परीक्षा परिणाम में कथित गड़बड़ी बता रहे हैं। इसके साथ ही खान सर प्रतियोगी छात्रों को अपने हक के लिए लड़ने और आंदोलन करने के तौर-तरीके़ समझा रहे हैं। प्रशासन ने इस वीडियो को उकसाने वाला माना है।

ताज़ा ख़बरें

इस वीडियो के कुछ दिन बाद जब छात्रों का आंदोलन उग्र हो गया और हिंसा हो गई तो कोचिंग संचालकों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई। इसमें से एक ख़ान सर भी हैं। वह प्रसिद्ध यू-ट्यूबर हैं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले बच्चों को पढ़ाते हैं। 

हालाँकि, एफ़आईआर दर्ज होने के बाद ख़ान सर ने एक वीडियो जारी कर कहा था कि प्रदर्शन करने वाले छात्र हिंसा नहीं करें। तब उन्होंने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने का आग्रह किया था। वीडियो में उनको ट्रेन में आग लगाने की घटना की निंदा करते हुए सुना जा सकता है और छात्रों से यह भी कहते सुना जा सकता है कि यदि वे हिंसा या उपद्रव का सहारा लेंगे तो उनके साथ कोई भी खड़ा नहीं होगा।

इसी मामले में ख़ान सर ने एक वीडियो जारी कर छात्रों से प्रदर्शन नहीं करने के लिए कहा है। उन्होंने इस वीडियो को फ़ेसबुक पर पोस्ट भी किया है। 

वीडियो में उन्हें यह कहते सुना जा सकता है कि 28 जनवरी को होने वाले किसी भी तरह के किसी भी प्रोटेस्ट में कोई भी छात्र हिस्सा नहीं लें, क्योंकि रेलवे ने आप लोगों की मांगों को मान लिया है।

बिहार से और ख़बरें
खान सर ने कहा है, 'रेलवे ने यह भी कहा है कि वन स्टूडेंट वन रिजल्ट होगा। 20 गुना ज्यादा रिजल्ट दिया जाएगा। आपकी लड़ाई में हम खड़े हैं। आप लोग प्रोटेस्ट नहीं करें।' वीडियो में खान सर रेल मंत्री, सुशील मोदी का ज़िक्र करते हुए कहते हैं कि यह सब आरआरबी की ग़लती थी। वह पीएमओ का भी हवाला देते हुए यह दावा करते हैं कि छात्रों की सभी मांगों को मान लिया गया है। हालाँकि, छात्रों ने बिहार बंद किया है और उसमें कई राजनीतिक दलों ने समर्थन दिया है। बिहार में इस बंद के प्रदर्शन का अच्छा-खास असर रहा है। वैसे, यह बिहार बंद भी शांतिपूर्ण प्रदर्शन ही है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

बिहार से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें