सियासत से अदालत तक सवालों से घिरने के बाद बिहार सरकार 2016 से लागू राज्य के शराबबंदी क़ानून में छह बरसों के बाद फेरबदल कर सकती है। मीडिया में इसके लिए मद्य निषेध व उत्पाद विभाग द्वारा की जा रही तैयारियों की ख़बर आ रही है। ऐसी संभावना जतायी जा रही है कि आगामी बजट सत्र में शराबबंदी क़ानून में संशोधन लाया जा सकता है।

बिहार में शराबबंदी का क़ानून क्या अब बदलेगा? नीतीश कुमार की सरकार आख़िर क्यों बदलाव करने की तैयारी कर रही है?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए पिछले छह साल से शराबबंदी बेहद अहम रही है लेकिन समाज सुधार के इस काम के लिए उनके क़ानून को कई स्तरों पर गंभीर सवालों का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ़ शराबबंदी में पकड़े गये लोगों से जेल में जगह कम पड़ रही तो दूसरी तरफ़ अदालतों को भी जमानत की अर्जियों को निपटाने में मशक्कत करनी पड़ रही है। इसके साथ ही आये दिन जहरीली शराब से होने वाली मौतें भी नीतीश कुमार के लिए सवाल बनकर खड़ी हैं।