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'क्या आरक्षण से नौकरी मिली': पटना हाइकोर्ट जज

पटना उच्च न्यायालय के एक न्यायाधीश को एक वीडियो में एक अधिकारी से यह पूछते हुए देखा जा सकता है कि क्या उन्हें 'आरक्षण से नौकरी मिली है?'। अधिकारी ने हाँ में जवाब दिया। लेकिन रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि जस्टिस ने सुनवाई के दौरान 'मजाकिया लहजे' में वह टिप्पणी की थी और यह कामकाज का सामान्य हिस्सा भर है।

एक रिपोर्ट के अनुसार यह मामला पिछले महीने का है, लेकिन सोशल मीडिया पर सुनवाई के दौरान के लाइव स्ट्रीमिंग का वह वीडियो अब सामने आया है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार जस्टिस संदीप कुमार ने यह टिप्पणी 23 नवंबर को जिला भूमि अधिग्रहण अधिकारी अरविंद कुमार भारती के ख़िलाफ़ लंबित बँटवारे के मुक़दमे के बावजूद एक पक्ष को मुआवजा जारी करने के मामले में सुनवाई के दौरान की। 

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सोशल मीडिया पर आए उस वीडियो में सुना जा सकता है कि जस्टिस कुमार पक्षकारों को अपना हलफनामा दाखिल करने को समय देने के लिए मामले को स्थगित करते हैं। इसके बाद उन्होंने अधिकारी से पूछा, 'भारती जी, आरक्षण पर नौकरी में आए हैं क्या?' अधिकारी ने हां में जवाब दिया। अधिकारी के कोर्ट रूम से चले जाने के बाद कोर्ट रूम में मौजूद कुछ वकील हँसने लगे। एक वकील ने टिप्पणी की, 'अब तो हुजूर समझिएगा बात।'

लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, एक अन्य वकील ने टिप्पणी की, 'दो नौकरी के बराबर तो हो गया होगा'। जज ने फिर अपना हाथ हिलाया और कहा 'नहीं, नहीं, ये सब... कुछ नहीं होता इन लोगों का.. ये बेचारा पैसा जो कमाया होगा, ख़त्म कर दिया होगा।' जज की टिप्पणी पर कई वकील हँसने लगे।

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वीडियो अरविंद कुमार भारती नाम के बिहार सरकार के एक जिला भूमि अधिग्रहण अधिकारी के मामले से संबंधित है। अदालत ने उनसे यह बताने के लिए पेश होने को कहा था कि विभाजन का मुक़दमा लंबित होने के दौरान उन्होंने एक पक्ष को भूमि अधिग्रहण मुआवजा कैसे जारी किया। 

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अदालत को बताया गया गया कि उस अधिकारी को सतर्कता कार्रवाई के मामले में भी निलंबन का सामना करना पड़ा था।

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क़मर वहीद नक़वी
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