बिहार विधानसभा चुनाव में क्या बीजेपी 'डराने-धमकाने' की रणनीति पर उतर आई है? जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने तो मंगलवार को ऐसे ही आरोप लगाते हुए बड़ा बम फोड़ा है! उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान पर उनके उम्मीदवारों को नामांकन वापस लेने के लिए धमकाने का सीधा आरोप लगाया है। पटना में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने न केवल तीन उम्मीदवारों के नामांकन वापसी के पीछे भाजपा का हाथ बताया, बल्कि चुनाव आयोग पर भी सवाल उठाए।
अमित शाह, प्रधान ने जन सुराज उम्मीदवारों को नाम वापस लेने के लिए धमकाया: प्रशांत
- बिहार
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- 21 Oct, 2025
बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर ने बड़ा आरोप लगाया है कि बीजेपी के शीर्ष नेताओं ने जन सुराज उम्मीदवारों को डराकर नाम वापस लेने के लिए मजबूर किया। इन आरोपों से बीजेपी को फायदा होगा या नुक़सान?

प्रशांत किशोर और अमित शाह
'गृहमंत्री के साथ थे उम्मीदवार'
प्रशांत किशोर के आरोपों का आधार तीन प्रमुख घटनाएं हैं, जो बिहार के विभिन्न जिलों से जुड़ी हैं। दानापुर में जन सुराज के उम्मीदवार अखिलेश कुमार उर्फ मूतूर शाह का नामांकन दाखिल न होना सबसे विवादास्पद है। किशोर के मुताबिक़, बीजेपी नेताओं ने मूतूर शाह को पूरे दिन अमित शाह और बिहार चुनाव प्रभारी जैसे बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के साथ रखा गया। किशोर ने एक फोटो दिखाते हुए कहा, 'लोगों को बताया गया कि आरजेडी के गुंडों ने उन्हें बंधक बना लिया है, लेकिन असल में वह भारत के गृह मंत्री के साथ बैठे थे। चुनाव आयोग को इस पर ध्यान देना चाहिए। एक गृह मंत्री किसी उम्मीदवार को नामांकन दाखिल करने से रोकने के लिए उसे अपने पास कैसे रख सकता है?'